Earthquake Update: पिछले कुछ दिनों के अनंद दुनियाभर के कई हिस्सों में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए जा रहे हैं। जिससे लोगों में भय बना हुआ है। बीते गुरुवार को सबसे पहले चिली और फिर अलास्का में भूकंप के झटकों से धरती कांप उठी। बता दें कि चिली में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर पर 5.7 मापी गई, जबकि अलास्का में 7.3 की तीव्रता वाला भूकंप दर्ज किया गया। झटकों से घबराकर लोग अपने अपने घरों से बाहर निकल भागे।
अलास्का में भारी नुकसान

German Research Centre For Geosciences की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार को चिली में आए भूकंप की तीव्रता 5.7 रही, वहीं अलास्का में आए 7.3 तीव्रता के भूकंप से कई इमारतों को नुकसान पहुंचा। भूकंप गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तटीय इलाकों में सुनामी की चेतावनी भी जारी कर दी थी। लेकिन बाद में स्थिति नियंत्रित कर ली गई।
भूकंप के लिए संवेदनशील है चिली का इलाका
चिली दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी किनारे पर स्थित एक देश है, जो प्रशांत महासागर के ‘रिंग ऑफ फायर’ क्षेत्र में आता है। यह इलाका भूकंपीय गतिविधियों के लिए बेहद संवेदनशील माना जाता है। बीते कुछ ही दिनों में चिली में कई भूकंप आ चुके हैं। 16 जुलाई को वालेनार के पास 5.4 तीव्रता और 13 जुलाई को कैलामा के पास 4.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। चिली में इससे पहले 2010 में 8.8 तीव्रता वाला विनाशकारी भूकंप भी आया था, जिसने हजारों की जिंदगियां तबाह कर दी थीं।
कई देशों में तबाही मचा चुके हैं भूकंप
साल 2024-2025 में अब तक कई देशों में भीषण भूकंप दर्ज किए गए हैं। इस साल जनवरी में तिब्बत में 6.8 तीव्रता वाला विनाशकारी भूकंप आया था, जिसमें 128 लोगों की मौत हो गई और करीब 188 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। मार्च में म्यांमार से थाईलैंड तक भूकंप की श्रृंखला देखी गई, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई।
नहीं थमा है भूकंप का सिलसिला
2015 में नेपाल के काठमांडू क्षेत्र में आए भीषण भूकंप ने करीब 9,000 लोगों की जान ले ली थी। इस घटना ने दक्षिण एशिया को हिला कर रख दिया था। भारत भी इस आपदा से अछूता नहीं रहा है। 2001 में गुजरात के भुज में आए भूकंप ने तबाही मचा दी थी। हजारों लोगों की जान गई और लाखों लोग बेघर हो गए थे।

Read more: NATO India Tension: रूस के साथ व्यापार पर नाटो की धमकी पर भारत का कड़ा जवाब, ‘दोहरे मापदंड नहीं’

