Eid Al Adha 2025 Celebration Guidelines: बकरीद से पहले दिल्ली सरकार ने एक सख्त एडवाइजरी जारी की है, जिसका उद्देश्य राजधानी में अवैध कुर्बानी को रोकना और कानूनी तथा सामाजिक संतुलन बनाए रखना है। इस आदेश में साफ किया गया है कि गाय, ऊँट, बछड़ा और अन्य प्रतिबंधित जानवरों की बलि पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इसके अतिरिक्त, कुर्बानी सिर्फ प्रशासन द्वारा निर्धारित स्थानों पर ही की जा सकेगी।सरकार ने सभी संबंधित विभागों, खासकर पुलिस और स्थानीय प्रशासन, को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि नियमों का पालन सख्ती से हो और उल्लंघन करने वालों पर त्वरित कार्रवाई की जाए।
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सार्वजनिक स्थानों और सोशल मीडिया पर रोक
एडवाइजरी में स्पष्ट कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों, गलियों और सड़कों पर किसी भी प्रकार की बलि देना कानूनन अपराध है। इसके अलावा, कुर्बानी से जुड़े फोटो, वीडियो या किसी भी दृश्य सामग्री को सोशल मीडिया पर साझा करना भी प्रतिबंधित किया गया है। इसका उद्देश्य समाज में अवांछनीय तनाव या धार्मिक टकराव से बचाव करना है।
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मंत्री का बयान
दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल मिश्रा ने एडवाइजरी पर बयान देते हुए कहा कि सरकार हर धर्म और त्योहार की धार्मिक भावना का सम्मान करती है, लेकिन इसके साथ ही यह भी आवश्यक है कि सभी नागरिक कानून का पालन करें। उन्होंने कहा, “पशु क्रूरता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमारा उद्देश्य पर्यावरणीय, सामाजिक और सांस्कृतिक संतुलन बनाए रखना है।”
किन कानूनों के तहत जारी की गई है एडवाइजरी?
- यह एडवाइजरी निम्नलिखित कानूनों और अधिनियमों के तहत जारी की गई है:
- पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम, 1960
- पशु परिवहन नियम, 1978
- स्लॉटर हाउस नियम, 2001
- खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006
- दिल्ली कृषि पशु संरक्षण अधिनियम, 1994
- सरकार ने स्पष्ट किया है कि ऊँट एक खाद्य जानवर नहीं है, इसलिए उसकी बलि पूर्णतः अवैध है। साथ ही, गर्भवती पशु, तीन महीने से कम उम्र के बच्चों वाले पशु और चिकित्सकीय जांच के बिना किसी जानवर की कुर्बानी भी कानून के दायरे में प्रतिबंधित है।
प्रशासन पूरी तरह सतर्क
दिल्ली सरकार ने राजधानी के सभी डीएम, डीसीपी, एमसीडी अधिकारियों और संबंधित विभागों को यह एडवाइजरी भेज दी है। इसके साथ ही आम जनता से अपील की गई है कि वे सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी अवैध गतिविधि की जानकारी संबंधित अधिकारियों को दें।संवेदनशील इलाकों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है। पुलिस और प्रशासन को गश्त बढ़ाने, निगरानी रखने और अफवाहों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अतिरिक्त, हाल ही में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभिन्न धार्मिक संगठनों, सामाजिक नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया और त्योहार को शांतिपूर्ण माहौल में मनाने पर सहमति जताई।

