Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। इसी बीच चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए स्पष्ट किया है कि इस बार आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct – MCC) का दायरा इंटरनेट और सोशल मीडिया तक भी बढ़ा दिया गया है।
आयोग ने 9 अक्टूबर को राजनीतिक दलों को संबोधित करते हुए 7 बिंदुओं वाला एक दिशा-निर्देश पत्र जारी किया है। इसमें चुनावी प्रचार के दौरान सोशल मीडिया, एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डिजिटल कंटेंट के प्रयोग को लेकर खास हिदायतें दी गई हैं।
अब सोशल मीडिया पोस्ट भी आयोग की निगरानी में
अब तक आचार संहिता के नियम केवल भौतिक प्रचार जैसे रैलियों, पोस्टरों और रोड शो पर लागू होते थे, लेकिन अब सोशल मीडिया पोस्ट, इंटरनेट विज्ञापन और डिजिटल वीडियो भी इसके दायरे में आएंगे। आयोग ने कहा है कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता बनाए रखना सर्वोपरि है, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर भी उसी सख्ती से नजर रखी जाएगी जैसे जमीनी प्रचार पर। चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव और साथ हो रहे 8 विधानसभा उपचुनावों में भी यह नियम लागू रहेंगे।
आलोचना हो मुद्दों पर, न कि निजी जीवन पर
आयोग ने राजनीतिक दलों को चेताया है कि अन्य दलों की आलोचना केवल उनकी नीतियों, कार्यक्रमों और सार्वजनिक रिकॉर्ड तक सीमित होनी चाहिए। किसी नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन से जुड़े गैर-सार्वजनिक मामलों की आलोचना या निजी हमले, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माने जाएंगे। साथ ही, आयोग ने बिना पुष्टि के आरोप लगाने, झूठी खबरें फैलाने या तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने को लेकर भी सख्त चेतावनी दी है।
AI वीडियो पर विशेष निगरानी, लेबल लगाना अनिवार्य
हाल ही में एआई तकनीक का दुरुपयोग कर बनाए गए कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, जिनमें विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ ‘फेक एआई वीडियो’ चलाए जाने के मामले भी सामने आए। यह मामला अदालत तक पहुंचा, जिसके बाद आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। अब से सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों को अपने सोशल मीडिया पर या किसी भी विज्ञापन में प्रयोग किए गए AI-निर्मित वीडियो पर ‘AI द्वारा निर्मित’ का स्पष्ट लेबल लगाना अनिवार्य होगा। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि AI टूल्स का प्रयोग केवल सत्य, प्रमाणिक और नैतिक उद्देश्यों के लिए ही होना चाहिए।
डिजिटल प्रचार के लिए भी बनेगा निगरानी तंत्र
चुनाव आयोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट कंटेंट पर नजर रखने के लिए एक विशेष डिजिटल निगरानी तंत्र भी सक्रिय करेगा। इसमें सोशल मीडिया कंपनियों को भी सहयोग के लिए कहा गया है ताकि फेक न्यूज, हेट स्पीच और गलत जानकारी पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
बिहार चुनाव 2025 को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए चुनाव आयोग ने डिजिटल प्रचार को भी नियमों की सीमा में लाने का बड़ा कदम उठाया है। सोशल मीडिया, AI वीडियो और इंटरनेट पर प्रसारित किसी भी चुनावी सामग्री को अब कानूनी जिम्मेदारी के साथ देखा जाएगा। यह फैसला आने वाले चुनावों में डिजिटल शुचिता (Digital Cleanliness) की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

