Pawan Kheda Notice : चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को दिया नोटिस, एक से अधिक EPIC नंबर मिलने का मामला

Chandan Das
Pawan

Pawan Kheda Notice : चुनाव आयोग ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को नोटिस जारी किया है। उन्हें एक से अधिक EPIC नंबर रखने के आरोप में यह नोटिस भेजा गया है। आयोग ने इस मामले में उनसे स्पष्ट जवाब मांगा है और आगे की कार्रवाई के लिए कड़ा रुख अपनाने की चेतावनी दी है।

दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के लिए हैं वोटर आई कार्ड

सूत्रों के मुताबिक, पवन खेड़ा के पास दो वोटर आई कार्ड हैं, जिनका EPIC नंबर अलग-अलग है। पहला EPIC नंबर XHC1992338 जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र का है, जबकि दूसरा EPIC नंबर SJE0755967 विधानसभा 40 का है। इस तरह पवन खेड़ा दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वोटर के तौर पर दर्ज हैं, जो चुनाव नियमों का उल्लंघन माना जा सकता है।

चुनाव आयोग ने मांगा स्पष्टीकरण

चुनाव आयोग ने पवन खेड़ा को नोटिस भेजकर इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। आयोग ने उनसे स्पष्ट किया है कि एक व्यक्ति के नाम पर एक ही EPIC नंबर होना अनिवार्य है। आयोग ने पवन खेड़ा को जवाब देने के लिए एक निश्चित समय सीमा भी दी है, जिसके बाद जांच पूरी कर आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।

क्या है EPIC नंबर और इसका महत्व

EPIC (Electoral Photo Identity Card) नंबर एक विशेष पहचान संख्या होती है जो हर मतदाता को चुनाव आयोग द्वारा दी जाती है। यह नंबर मतदाता की पहचान और निर्वाचन क्षेत्र को दर्शाता है। एक व्यक्ति के पास एक से अधिक EPIC नंबर होना चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए गंभीर खतरा है, क्योंकि इससे वोटिंग प्रक्रिया में दखलअंदाजी और गड़बड़ी हो सकती है। इस तरह के मामलों में चुनाव आयोग ने पहले भी कई राजनीतिक नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की है। चुनाव आयोग ने बार-बार साफ किया है कि मतदाता सूची की शुद्धता और सही रखरखाव चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता के लिए अत्यंत आवश्यक है। ऐसे उल्लंघन चुनाव कानून के तहत दंडनीय हैं।

पवन खेड़ा का पक्ष और राजनीति में प्रतिक्रिया

अब तक पवन खेड़ा की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। राजनीतिक गलियारों में इस नोटिस को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विपक्ष ने इसे कांग्रेस पार्टी की छवि को धूमिल करने का प्रयास बताया है, जबकि कांग्रेस के समर्थकों ने इस मामले में उचित जांच की मांग की है। आने वाले दिनों में पवन खेड़ा का जवाब और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया राजनीतिक महौल पर प्रभाव डालेगी। इस मामले ने चुनाव आयोग की सतर्कता और चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के प्रयासों को फिर से सामने रखा है। मतदाता सूची में गड़बड़ी और एक से अधिक EPIC नंबर रखना लोकतंत्र की नींव कमजोर कर सकता है। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई से ही लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती संभव है।

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