Election Commission : बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर बहस शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में एक मामला दायर किया गया है। इस बीच, समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, राष्ट्रीय चुनाव आयोग अगले अगस्त से देशभर में मतदाता सूची संशोधन शुरू करना चाहता है। हालाँकि, इसकी सही तारीख सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करती है।
चुनाव आयोग की सक्रियता
बिहार में मतदाता सूची संशोधन का एक उद्देश्य अवैध प्रवासियों और अयोग्य मतदाताओं को अंतिम सूची से बाहर करना है। आयोग ने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल योग्य भारतीय नागरिकों को ही मतदान का अधिकार मिले। पहले यह जानकारी थी कि बिहार के बाद मतदाता सूची संशोधन का काम एक-एक करके अन्य राज्यों में भी किया जाएगा। पीटीआई ने रविवार को बताया कि आयोग अगले महीने से यह प्रक्रिया शुरू करना चाहता है। इसके लिए विभिन्न राज्यों में आयोग के कर्मचारियों को निर्देश दिए जा रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट में कई मामले लंबित
हालंकि, विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई मामले लंबित हैं। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को है। आयोग उस दिन देशव्यापी सर्वेक्षण पर अंतिम निर्णय ले सकता है। इस बीच, एक अखिल भारतीय मीडिया संस्थान का दावा है कि बिहार की मतदाता सूची में विदेशी घुसपैठियों का पता चला है! नेपाल-बांग्लादेश-म्यांमार के कई नागरिक इस सूची में शामिल हैं! रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कुछ ऐसे मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची में शामिल हैं जिनका बिहार में कोई स्थायी पता नहीं है।
बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके बाद 2026 में पश्चिम बंगाल, असम, पुडुचेरी, तमिलनाडु और केरल में चुनाव होने हैं। देश के विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले विशेष गहन सर्वेक्षण कराने की आयोग की पहल को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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