Elon Musk ने जॉर्ज सोरोस के राष्ट्रपति पदक पर हमला किया, बताया ‘भ्रामक’

मस्क का बयान "हास्यास्पद" एक कड़ी आलोचना है, जो ना केवल सोरोस की प्रतिष्ठा को लेकर, बल्कि बाइडेन प्रशासन की नीति और उनके चयन पर भी सवाल उठाता है।

Shilpi Jaiswal

Elon Muskऔर जॉर्ज सोरोस के बीच विवाद, अमेरिकी राजनीति और समाज में गहरे ध्रुवीकरण को दर्शाता है। मस्क का बयान “हास्यास्पद” एक कड़ी आलोचना है, जो ना केवल सोरोस की प्रतिष्ठा को लेकर, बल्कि बाइडेन प्रशासन की नीति और उनके चयन पर भी सवाल उठाता है। मस्क की टिप्पणी एक ऐसे समय में आई है जब सोरोस की परोपकारी गतिविधियाँ और उनका राजनीतिक प्रभाव विशेष रूप से बहस का विषय बने हुए हैं।

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प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम की घोषणा

जो बिडेन ने 2025 में जिन 19 व्यक्तियों को प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम देने की घोषणा की, उसमें सोरोस का नाम शामिल था। यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने नागरिक समाज, राजनीति, कला, और खेल जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया हो। सोरोस को यह सम्मान उनके वैश्विक परोपकारी कार्यों के लिए दिया गया है, जो लोकतंत्र, मानवाधिकार, शिक्षा और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।

फाउंडेशन पर आरोप

सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन ने दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए कई पहल की हैं, लेकिन इन प्रयासों को लेकर विभिन्न देशों में आलोचनाएँ भी उठती रही हैं। उदाहरण के तौर पर, हंगरी और रूस जैसे देशों में सोरोस और उनके फाउंडेशन पर अक्सर आरोप लगे हैं कि वे विदेशी प्रभाव के रूप में राजनीतिक उद्देश्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।

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समर्थकों ने की आलोचना

मस्क और उनके समर्थकों द्वारा की गई आलोचना सोरोस के परोपकारी कामों की वैचारिकता और उनकी राजनीतिक सक्रियता पर केंद्रित है। रिपब्लिकन पार्टी, विशेष रूप से, सोरोस को अपने धन का उपयोग करने का दोषी ठहराती रही है, ताकि वे अपने वामपंथी एजेंडे को आगे बढ़ा सकें। इसके परिणामस्वरूप, सोरोस और उनके कार्यों को लेकर एक गहरी विचारधारात्मक ध्रुवीकरण उत्पन्न हुआ है।

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प्रशासन का तर्क

इस मामले पर बिडेन प्रशासन का तर्क यह था कि प्राप्तकर्ता उन मूल अमेरिकी मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनका सम्मान और संरक्षण किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ये व्यक्ति अमेरिका के आदर्शों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, विशेष रूप से उन हमलों के बावजूद जो उनके सिद्धांतों पर हुए हैं।यह विवाद न केवल अमेरिकी राजनीति के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि यह सोरोस के परोपकारी कामों और उनके वैश्विक प्रभाव के बारे में सवाल उठाता है।

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