EU Ukraine Support : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई ऐतिहासिक शिखर वार्ता के बाद यूरोपीय यूनियन के नेताओं ने यूक्रेन को लेकर संयुक्त बयान जारी किया है। इस बयान में EU ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे यूक्रेन का समर्थन जारी रखेंगे और किसी भी स्थिति में उसकी सीमाओं में जबरन बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही यह भी मांग की गई है कि यूक्रेन को ठोस और विश्वसनीय सुरक्षा गारंटी दी जाए।
संयुक्त बयान में दी गई बातचीत की जानकारी
EU के प्रमुख नेताओं—वॉन डेर लेयेन, इमैनुएल मैक्रों, जॉर्जिया मेलोनी, फ्रेडरिक मर्ज़, कीर स्टारमर, एलेक्जेंडर स्टब, डोनाल्ड टस्क और करोल कोस्टा—ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि उन्हें राष्ट्रपति ट्रंप ने पुतिन से बातचीत के बाद विस्तार से जानकारी दी। बयान में ट्रंप के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा गया कि जब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो जाता, तब तक किसी डील की बात नहीं की जा सकती। अब राष्ट्रपति ट्रंप की अगली बैठक जल्द ही यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से होगी।
यूक्रेन को ठोस सुरक्षा गारंटी मिलनी चाहिए: EU
बयान में यूरोपीय देशों ने राष्ट्रपति ट्रंप की उस बात का समर्थन किया जिसमें अमेरिका द्वारा यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने की बात कही गई थी। EU ने कहा कि वह त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के लिए ट्रंप और जेलेंस्की के साथ काम करने को तैयार है। साथ ही, यह भी स्पष्ट किया गया कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं या तीसरे देशों से उसके सहयोग पर किसी तरह की बंदिश नहीं लगाई जानी चाहिए। रूस को न तो यूक्रेन की विदेश नीति पर वीटो देने का अधिकार है और न ही नाटो या EU में उसके प्रवेश को रोकने का।
यूक्रेन को आत्मनिर्णय का अधिकार
बयान में कहा गया कि यूक्रेन को अपने भविष्य के फैसले लेने का पूरा अधिकार है। जबरन किसी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा में बदलाव को स्वीकार नहीं किया जाएगा। यूरोपीय देश इस बात पर एकमत हैं कि यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन जरूरी है। इसके अलावा, यह भी दोहराया गया कि रूस पर तब तक दबाव बनाए रखा जाएगा जब तक कि न्यायसंगत और स्थायी शांति की स्थापना नहीं हो जाती।
प्रतिबंधों के जरिए रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था पर दबाव
EU नेताओं ने स्पष्ट किया कि वे रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए प्रतिबंधों और अन्य आर्थिक उपायों को और सख्त बनाएंगे। यह तब तक जारी रहेगा जब तक कि रूस युद्ध नहीं रोकता और यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक रवैया समाप्त नहीं करता। उनका कहना था कि केवल युद्ध विराम नहीं, बल्कि न्यायसंगत और दीर्घकालिक शांति ही समाधान है।
मैक्रों ने जताई ट्रंप के प्रयासों की सराहना, फिर से मिलने की तैयारी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी एक बयान जारी कर कहा कि ट्रंप और पुतिन की बैठक के बाद उन्होंने ट्रंप, जेलेंस्की और अन्य यूरोपीय नेताओं से चर्चा की। मैक्रों ने कहा कि वे सभी इस बात पर एकमत हैं कि जब तक रूस आक्रामक बना हुआ है, तब तक यूक्रेन का समर्थन जारी रहना चाहिए। उन्होंने अमेरिका की भागीदारी को भी अहम बताया और कहा कि एक स्थायी शांति के साथ-साथ अटूट सुरक्षा गारंटी भी दी जानी चाहिए।
यूक्रेन के साथ खड़ा है पूरा यूरोप
EU ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह यूक्रेन की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। यूरोप ने न केवल ट्रंप के शांति प्रयासों की सराहना की, बल्कि यूक्रेन के पक्ष में मजबूती से खड़े रहने की बात भी दोहराई। रूस पर दबाव बनाए रखना और शांति प्रक्रिया में यूक्रेन की भागीदारी सुनिश्चित करना EU की प्राथमिकता बनी हुई है।

