Jakarta Mosque Blast: इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता के उत्तरी इलाके में स्थित एक मस्जिद में शुक्रवार (7 नवंबर, 2025) को जबरदस्त धमाका हुआ, जिसमें कम से कम 54 लोग घायल हो गए। यह घटना उस वक्त हुई जब मुसलमानों द्वारा शुक्रवार की नमाज अदा की जा रही थी। धमाके के बाद स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया।
धमाका उत्तरी जकार्ता के केलापा गाडिंग इलाके में
यह धमाका उत्तरी जकार्ता के केलापा गाडिंग इलाके में स्थित एक स्कूल परिसर के अंदर बनी मस्जिद में हुआ। पुलिस के मुताबिक, विस्फोट का शिकार बने लोग उस समय नमाज अदा कर रहे थे, जब अचानक यह धमाका हुआ। घटना के बाद जकार्ता के पुलिस प्रमुख, असेप एदी सुहेरी ने मीडिया को बताया कि धमाके की वजह की जांच की जा रही है। पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी और मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है।
संदिग्ध सामान और विस्फोटक उपकरण मिले
शुरुआत में पुलिस ने घटनास्थल से कुछ संदिग्ध सामान बरामद किए हैं। इनमें हाथ से बनाए गए विस्फोटक उपकरण (IED) जैसे हिस्से, एक रिमोट कंट्रोल और कुछ बंदूकें, जिनमें एयरसॉफ्ट और रिवॉल्वर शामिल हैं। इन सामानों के मिलने से पुलिस ने आशंका जताई है कि यह धमाका किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, संदिग्धों की तलाश जारी
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, घटनास्थल से मिले सामान और विस्फोटक उपकरण की जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि धमाका किसी आतंकवादी साजिश का हिस्सा था या फिर यह एक सामान्य अपराध था। फिलहाल, पुलिस ने जकार्ता के विभिन्न हिस्सों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और संदिग्ध व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।
घायलों का इलाज जारी, स्थिति नियंत्रण में
घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीम अस्पतालों में पहुंचकर घायलों से बयान लेने की कोशिश कर रही है। फिलहाल, पुलिस का कहना है कि धमाके के बाद स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
सुरक्षा और आतंकवाद पर सवाल
इस घटना के बाद जकार्ता के नागरिकों में आतंकवाद और सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। विशेष रूप से मस्जिदों और धार्मिक स्थलों पर हमलों को लेकर लोगों में गहरी असुरक्षा का अहसास है। इंडोनेशिया एक मुस्लिम बहुल देश है, और धार्मिक स्थलों पर इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाता है।
पुलिस अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस मामले की जांच के दौरान आतंकवाद से जुड़े पहलुओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इंडोनेशिया में इससे पहले भी धार्मिक स्थल और सुरक्षा बलों को निशाना बनाने वाले हमले हो चुके हैं, जिनके कारण आतंकवाद के खतरे को लेकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियां हमेशा सतर्क रहती हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और चिंता
जकार्ता में हुए इस धमाके के बाद, इंडोनेशिया के साथ-साथ अन्य देशों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र और एशियाई देशों के संगठन ने घटना की गहरी चिंता जताई है और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में शुक्रवार को मस्जिद में हुए धमाके ने न केवल शहर बल्कि पूरे देश को हैरान कर दिया है। पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है, और जल्द ही विस्फोट के कारणों और दोषियों का पता चलने की उम्मीद है। इस घटना ने सुरक्षा और आतंकवाद के खतरे को फिर से एक बार उजागर कर दिया है, और आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि यह हमला किस उद्देश्य से किया गया था।

