Fadnavis Thackeray meet : महाराष्ट्र की राजनीति में उस समय बड़ा मोड़ देखने को मिला जब शिवसेना (UBT) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे वक्त में हुई जब एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री फडणवीस ने एक बयान में ठाकरे को सत्ता पक्ष में शामिल होने का अप्रत्यक्ष ऑफर दिया था। दोनों नेताओं के बीच करीब 20 मिनट तक चली यह बातचीत अब राजनीतिक हलकों में कई तरह की अटकलों को जन्म दे रही है।
सीएम के बयान ने मिलाया दोनों नेताओं का रास्ता?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को महाराष्ट्र विधानसभा में बोलते हुए कहा था कि “2029 तक बीजेपी के विपक्ष में आने की कोई संभावना नहीं है”। इसी दौरान उन्होंने संकेत देते हुए यह भी कहा कि “उद्धव ठाकरे भी किसी अलग रास्ते से सत्ता पक्ष में शामिल हो सकते हैं।” इस बयान को राजनीतिक गलियारों में हल्के-फुल्के अंदाज में दिया गया संदेश नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे गंभीर राजनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
विधान परिषद अध्यक्ष के कक्ष में हुई मुलाकात
जानकारी के मुताबिक, ठाकरे और फडणवीस की यह मुलाकात विधान परिषद के अध्यक्ष राम शिंदे के कार्यालय में हुई। सूत्रों के अनुसार दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत लगभग 20 मिनट तक चली। हालांकि बैठक के बाद दोनों नेताओं ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन इस गोपनीय मुलाकात ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है।
क्या फिर होगा गठबंधन?
राज्य में यह सवाल अब प्रमुखता से उठ रहा है कि क्या शिवसेना (UBT) और बीजेपी के बीच पुराने रिश्ते फिर से बहाल हो सकते हैं? 2019 में शिवसेना ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महाविकास अघाड़ी सरकार बनाई थी। लेकिन अब राजनीतिक समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं, और इस मुलाकात ने इसी बदलाव की संभावना को बल दिया है।
चुनावी रणनीति या संयोग?
मुलाकात को लेकर यह भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक औपचारिक बातचीत थी या इसके पीछे कोई गहरी चुनावी रणनीति छिपी है? गौरतलब है कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दल अपनी रणनीति बनाने में जुटे हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस की यह मुलाकात किसी बड़े सियासी उलटफेर की भूमिका भी बन सकती है।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस मुलाकात के बाद राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी दलों की नजर अब बीजेपी और शिवसेना (UBT) के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। हालांकि अभी तक न तो उद्धव ठाकरे और न ही देवेंद्र फडणवीस ने इस मुलाकात को लेकर कुछ भी स्पष्ट किया है, लेकिन इतना जरूर है कि महाराष्ट्र की राजनीति में यह मुलाकात आने वाले दिनों में बड़ी हलचल पैदा कर सकती है।