Uddhav Thackeray Criticism: महाराष्ट्र में हाल ही में आई भारी बारिश और बाढ़ ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में पानी भर जाने और फसलों के बर्बाद होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस गंभीर परिस्थिति में शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार से तुरंत और प्रभावी राहत देने की मांग की है। ठाकरे ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह केवल दिखावे की बातें कर रही है, जबकि वास्तविकता में किसान बदहाल हैं और उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।
ठाकरे ने की कड़ी आलोचना
उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार किसानों से प्रति टन गन्ने में 15 रुपये की कटौती कर रही है, जिसमें 5 रुपये साखर संघ के लिए और 10 रुपये मुख्यमंत्री सहायता कोष के लिए काटे जा रहे हैं। उन्होंने इसे ‘मदद का नाटक’ बताते हुए कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है और किसानों की जेब से ही राहत के नाम पर पैसा निकाला जा रहा है। ठाकरे ने कहा, “मुख्यमंत्री सिर्फ प्रचार में व्यस्त हैं, एक उपमुख्यमंत्री पैकेट बांटने पर फोटो खिंचवा रहे हैं और दूसरे कहीं दिख नहीं रहे। वहीं, किसान आत्महत्या के कगार पर पहुंच चुके हैं।”
उन्होंने मांग की कि बाढ़ प्रभावित किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की तत्काल आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वे अपनी जिंदगी फिर से पटरी पर ला सकें। ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि केवल कागजों पर घोषणाएं करने से किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा।
बीजेपी पर भी साधा निशाना
ठाकरे ने भाजपा पर भी जमकर निशाना साधा और कहा, “क्या अब किसानों का कर्ज माफ तभी होगा जब वे बीजेपी में शामिल होंगे? जो शुगर बारन बीजेपी के सदस्य बने हैं, उनके कर्ज सरकार माफ कर रही है, तो क्या गरीब किसानों को भी पार्टी जॉइन करनी होगी?” उन्होंने कहा कि किसान अपनी जमीन और मंगलसूत्र तक गिरवी रख चुके हैं, लेकिन सरकार उनकी तरफ संवेदनशील नहीं है।
साखर संघ की नाराजगी
ठाकरे ने बताया कि साखर संघ भी सरकार द्वारा प्रति टन कटौती के इस फैसले से नाराज है और किसानों की स्थिति बेहद गंभीर है। कई किसान आत्महत्या जैसे खतरनाक कदम उठाने के विचार कर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष में रहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा 2020 में ओला दुष्काल घोषित करने और तत्काल राहत की मांग करने वाले पत्र का हवाला देते हुए सरकार को सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी।
ठोस कदम उठाने की जरूरत
ठाकरे ने सरकार से आग्रह किया है कि वह अब “शब्दों का खेल” बंद करे और चाहे वह भीगा दुष्काल हो या अतिवृष्टि, किसानों को तत्काल राहत मुहैया कराए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बाढ़ प्रभावित किसानों को घर, स्कूलों के पुनर्निर्माण और स्वास्थ्य संकट से निपटने के ठोस उपायों की भी मांग की। ठाकरे ने कहा, “प्रधानमंत्री 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दे रहे हैं, लेकिन वही किसान जो यह अनाज उगाता है, आज पूरी तरह उजाड़ हो चुका है।” उन्होंने सरकार से अपील की कि वह कागजी घोषणाओं से बाहर आकर जमीन पर किसानों की मदद करे।
