Digital Arrest: बेंगलुरु (Bengaluru) में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के नाम पर लगभग 12 करोड़ रुपये की ठगी करने के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पहले इंजीनियर को ED और कस्टम अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट किया और फिर उसके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करवा लिए। पुलिस ने मामले की गहरी जांच शुरू कर दी है और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
Read More: Meme Coin: क्यों आई टोकन की कीमत में भारी गिरावट? निवेशकों के लिए जोखिम
डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर ठगी की वारदात

आपको बता दे कि, यह मामला 12 दिसंबर 2024 को सामने आया, जब बेंगलुरु (Bengaluru) के रहने वाले विजयकुमार नामक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने बताया कि 11 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच उन्हें एक कॉल आई थी, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनका फोन नंबर TRAI (Telecom Regulatory Authority of India) द्वारा मिसयूज हुआ है और अगर उन्होंने इसे सही नहीं किया तो उनका फोन बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद, उन्हें एक और कॉल आई जिसमें कहा गया कि उनका आधार कार्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस्तेमाल हुआ है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
कस्टम और ED अधिकारी बनकर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट
बताते चले कि, आरोपियों ने खुद को कस्टम और ED अधिकारी बताते हुए विजयकुमार से यह कहा कि वह डिजिटल अरेस्ट करेंगे, अगर उन्होंने उनके बताए कदम नहीं उठाए। इसके बाद ठगों ने उन्हें कुछ एप्लिकेशन डाउनलोड करने को कहा और फिर उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए डराया-धमकाया। आरोपियों ने उन्हें यह भी बताया कि उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है और यदि वह सहयोग नहीं करते तो उन्हें उम्रभर की सजा हो सकती है।
बैंक खाते में पैसे ट्रांसफर करने की मांग

डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के नाम पर ठगों ने विजयकुमार से उसके बैंक खाते की सारी जानकारी हासिल की। इसके बाद आरोपियों ने उसे यह कहकर डराया कि उसे अपनी जमा राशि को RBI के अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा। इस प्रक्रिया के बाद, ठगों ने विजयकुमार से अलग-अलग बैंक खातों में कई बार पैसे ट्रांसफर करवाए। पहले तो उन्होंने ICICI बैंक में 75 लाख रुपये जमा कराए और फिर UCO बैंक में 3 करोड़ 14 लाख रुपये ट्रांसफर किए। इसके बाद सिलसिलेवार तरीके से 9 अलग-अलग बैंक खातों में 97 लाख, 25 लाख, 1 करोड़, 56 लाख, 96 लाख और अंत में 2 लाख रुपये जमा कराए गए।
ठगी का एहसास होते ही पुलिस में शिकायत दर्ज
12 दिसंबर को तय समय पर पैसे वापस न मिलने पर विजयकुमार को समझ में आ गया कि वह ठगी का शिकार हो चुका है। उसने आरोपी से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन सभी फोन स्विच ऑफ हो गए। इसके बाद विजयकुमार ने बैंक से संपर्क किया, लेकिन तब तक ठगों ने सभी पैसे निकाल लिए थे। बेंगलुरु पुलिस ने साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। पुलिस को यह जानकारी मिली है कि ठगी करने वाले दोनों आरोपी तरुण और करन ने इस पूरे धोखाधड़ी के पीछे की योजना बनाई थी।
साइबर ठगी पर बढ़ती चिंता

यह मामला यह दर्शाता है कि डिजिटल ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। खासकर, जब लोग तकनीकी जानकारी की कमी के कारण ठगों के झांसे में आ जाते हैं। पुलिस ने लोगों को सावधान करते हुए कहा कि वे किसी भी अनजान कॉल या संदेश से बचें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से पहले सावधानी बरतें।
Read More: Trump और Melania Coin ने मचाई Cryptocurrency बाजार में हलचल! जानें कैसे करें खरीदारी