First Phase Voting: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर गुरुवार को मतदान होना है जिससे पहले प्रशासन की ओर से सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है।पहले चरण के लिए 121 सीटों पर होने वाला मतदान ना सिर्फ एनडीए और महागठबंधन के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पहली बार चुनावी रण में उतरी जनसुराज पार्टी के लिए भी 6 नवंबर को होने वाला मतदान महत्वपूर्ण है।बिहार की कुल 243 सीटों पर मतदान दो चरणों में होना है जिसमें पहले चरण का 121 सीटों पर मतदान 6 नवंबर को और 122 सीटों पर मतदान 11 नवंबर को होना है जबकि चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
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पहले चरण के मतदान का काउंटडाउन

बिहार चुनाव का पहला चरण हमेशा से सियासी महासंग्राम का केंद्र रहा है जहां इससे पहले 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में 121 सीटों में से महागठबंधन ने 61 सीटों पर जीत हासिल की थी और एनडीए ने 59 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि एक सीट लोजपा के खाते में गई थी।आपको बता दें कि,साल 2020 विधानसभा चुनाव में 121 सीटों पर दोनों गठबंधनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली थी।जहां तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को 61 सीटों और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को 59 सीटों पर जीत मिल सकी थी।
हाई-प्रोफाइल सीटों पर सीधी टक्कर
6 नवंबर को पहले चरण के मतदान में कई हाई-प्रोफाइल सीटों पर टक्कर देखने को मिलेगी जिसमें 25 सीटों पर भाजपा और राजद के बीच सीधी लड़ाई है,12 सीटों पर भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है जबकि 34 सीटों पर जदयू और राजद के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी।11 सीटों पर जदयू-कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे,14 सीटों पर लोजपा (आर) मैदान में है इनमें से 12 सीटों पर सीधा मुकाबला राजद उम्मीदवारों से होगा।
महागठबंधन-एनडीए के सामने कड़ी चुनौती!

गौरतलब है कि,बिहार का सियासी संग्राम अब अपने चरम पर पहुंच चुका है जहां दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर के दौरान राजनैतिक दल अपनी अपनी जीत का दावा ठोंक रहे हैं।पहले चरण का मतदान खास महत्व रखता है क्योंकि इस चरण में अगर एनडीए को बढ़त मिलती है तो महागठबंधन के सामने आगे निकलने की चुनौती होगी और अगर महागठबंधन ज्यादा सीटों पर आगे निकलती है तो एनडीए के सामने सरकार बनाने की कड़ी चुनौती हो
