FMG Internship 2025:DMC के सुझाव पर NMC ने लगाई मुहर, FMG छात्रों को मिलने वाली है बड़ी राहत

नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें इंटर्नशिप में स्टाइपेंड की अनिवार्यता को हटाने की मांग की गई थी...

Shilpi Jaiswal
FMG Internship
FMG Internship

FMG Internship 2025: विदेश से मेडिकल की पढ़ाई कर भारत लौटने वाले Foreign Medical Graduates (FMGs) के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने दिल्ली मेडिकल काउंसिल (DMC) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें इंटर्नशिप में स्टाइपेंड की अनिवार्यता को हटाने की मांग की गई थी, बशर्ते छात्र अपनी मर्जी से इस सुविधा को छोड़ने को तैयार हों।

Read More:Assam HS Result 2025:असम बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025 कल होगा जारी, देखें अपने HS के नतीजे

DMC ने NMC को भेजा पत्र

DMC ने 17 अप्रैल 2025 को NMC को एक पत्र भेजा था, जिसमें उन FMG छात्रों की परेशानियों की ओर ध्यान दिलाया गया था जो स्टाइपेंड से जुड़ी जटिलताओं के कारण अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पा रहे हैं। पत्र में सुझाव दिया गया था कि यदि कोई छात्र अपनी मर्जी से स्टाइपेंड न लेने को तैयार है, तो उसकी इंटर्नशिप प्रक्रिया को तेज करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

NMC ने समीक्षाकर आदेश जारी किया

NMC ने इस प्रस्ताव की समीक्षा कर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि FMGL रेगुलेशंस, 2021 के अनुसार, इंटर्नशिप के दौरान स्टाइपेंड देना राज्यों का विषय है और NMC केवल एक नियामक संस्था के रूप में कार्य करती है। आदेश में यह भी कहा गया है कि यदि कोई छात्र अपनी इच्छा से स्टाइपेंड छोड़ता है, तो उस पर अनिवार्य स्टाइपेंड का नियम लागू नहीं होगा।

Read More:MP Board Result 2025: MPBSE रिजल्ट को लेकर बड़ी खबर… इस दिन खुलेगा नतीजों का पिटारा?

FMG छात्रों को राहत मिलेगी

इस फैसले से दिल्ली में इंटर्नशिप कर रहे हजारों FMG छात्रों को राहत मिलेगी, जो अब बिना स्टाइपेंड के भी अपनी कंपल्सरी रोटेटिंग मेडिकल इंटर्नशिप जारी रख सकेंगे। इससे उनकी ट्रेनिंग पूरी करने में हो रही देरी को रोका जा सकेगा और मेडिकल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।वर्तमान में भारत लौटे कई FMGs इंटर्नशिप की प्रक्रिया में देरी और संस्थानों में स्टाइपेंड विवादों के कारण मानसिक और पेशेवर दबाव झेल रहे थे। इस निर्णय से उन्हें एक विकल्प मिलेगा कि वे ट्रेनिंग को प्राथमिकता देते हुए, स्टाइपेंड का त्याग कर सीधे इंटर्नशिप शुरू कर सकें।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version