Haryana Land Scam: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मानेसर लैंड स्कैम मामले में बड़ी कानूनी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की याचिका को खारिज करते हुए उनके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई का आदेश दिया है। अब इस मामले में पंचकूला की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में उनके खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे।
क्या है मानेसर लैंड स्कैम?
मानेसर लैंड स्कैम हरियाणा के मानेसर क्षेत्र में हुई एक बड़ी भूमि अधिग्रहण घोटाले से जुड़ा मामला है। आरोप है कि 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकारी जमीन को अवैध तरीके से बिल्डर्स को बेचने की साजिश रची। इस स्कैम के तहत, सरकारी प्रक्रिया का दुरुपयोग करके किसानों से औने-पौने दामों पर करीब 400 एकड़ जमीन खरीदी गई थी, जिसे बाद में बिल्डर्स को भारी मुनाफे में बेचा गया।
आरोप है कि इस घोटाले से किसानों को भारी नुकसान हुआ और कुछ लोगों ने अवैध रूप से फायदा उठाया।सीबीआई द्वारा 2015 में शुरू की गई जांच के बाद 2018 में हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई थी। सीबीआई का आरोप था कि भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री रहते हुए 2007 में मानेसर इलाके में जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया, जिससे बिल्डर्स को फायदा हुआ और किसानों को लगभग 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
भूपेंद्र हुड्डा की याचिका और हाई कोर्ट का फैसला
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस मामले में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने इस बात की दलील दी थी कि अन्य आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने स्टे आदेश दिया है, जबकि केवल उनके खिलाफ मुकदमा चलाना उचित नहीं होगा। हालांकि, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आरोप तय करने की प्रक्रिया में कोई रुकावट नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने हुड्डा के खिलाफ पंचकूला की सीबीआई स्पेशल कोर्ट में आरोप तय करने का आदेश दिया।
सीबीआई चार्जशीट और आगामी ट्रायल
सीबीआई ने पहले ही इस मामले में चार्जशीट फाइल कर दी है, जिसमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर सरकारी जमीन की कीमतों में हेरफेर और किसानों को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं। इस चार्जशीट के बाद, अब सीबीआई की विशेष अदालत में ट्रायल की प्रक्रिया शुरू होगी। कोर्ट में हुड्डा के खिलाफ आरोप तय होंगे और फिर सुनवाई की प्रक्रिया चलेगी।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप और सीबीआई जांच
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी दखल देते हुए मानेसर लैंड स्कैम की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। कोर्ट ने पाया था कि 2007 में हुड्डा सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण को रद्द करने का निर्णय दुर्भावनापूर्ण था और इसे धोखाधड़ी माना। इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह बिचौलियों द्वारा किए गए अनुचित लाभ की जांच करे और राज्य सरकार को ‘एक-एक पाई वसूलने’ का आदेश दे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ मानेसर लैंड स्कैम मामले में अब ट्रायल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अदालत में आरोप तय होने के बाद इस मामले में आगे की सुनवाई होगी। यह मामला हरियाणा की राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि भूपेंद्र हुड्डा कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं। इस केस के कानूनी परिणाम राजनीति पर भी असर डाल सकते हैं। सीबीआई की विशेष अदालत में होने वाली सुनवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।
