France Palestine: इजरायल और हमास के बीच युद्ध विराम की चर्चा जारी है। इस बीच फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने के फ्रांस आगे आया है। विश्व में एक मात्र देश जो फिलिस्तीन को राष्ट्र का दर्जा देने जा रहा है। गुरुवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक्स-हैंडेल में पोस्ट करते हुए कहा कि गाजा में युद्ध तुरंत रोकना होगा। हमें अपने लोगों को बचाना है। इसलिए मैक्रों अगले सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में गाजा को एक राष्ट्र के रूप में मान्यता देने की घोषणा करेंगे।
2023 में इजरायल को समर्थन
2023 में इजरायल पर हमास के हमले के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति तेल अवीव के साथ थे। उन्होंने हमास के हमले की कड़ी निंदा की थी । लेकिन मैक्रों पिछले कुछ महीनों में इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हमलों से नाराज हैं। इसीलिए उन्होंने इस बार फैसला किया है कि फ़्रांस फिलिस्तीन को पूर्ण राज्य का दर्जा देगा। मैक्रों के अनुसार आम लोगों तक राहत पहुंचाना बेहद जरूरी है। इसलिए युद्ध तुरंत रोका जाना चाहिए और बंधकों को छुड़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही गाजा में राहत पहुंचाई जानी चाहिए।
शांति के लिए प्रयास
आपको बता दें कि गुरुवार को मैक्रों ने एक्स-हैंडेल पर फ़्रांसीसी भाषा में एक लंबा पोस्ट लिखा। वहां उन्होंने दावा किया कि हमास को निरस्त्र करना बेहद जरूरी है। इसलिए फिलिस्तीन को स्वतंत्र दर्जा दिया जाना चाहिए। इसके अलावा और कोई रास्ता नहीं है। मैक्रों ने लिखा “मध्य पूर्व में शांति लौटनी चाहिए यही फ्रांसीसी जनता चाहती है।” गौरतलब है कि अमेरिका ने गुरुवार को गाज़ा में युद्धविराम बैठक रोक दी थी। उनके अनुसार हमास सहयोग नहीं कर रहा है।
गौरतलब है कि मैक्रों के इस फैसले के पीछे चुनावी राजनीति है। पश्चिमी यूरोपीय देशों में फ़्रांस में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी है। नतीजतन गाजा समेत मध्य पूर्व के कई मुद्दों पर उस देश में विरोध प्रदर्शन और प्रदर्शन होते रहते हैं। शायद इसी को ध्यान में रखते हुए मैक्रों फ़िलिस्तीन को मान्यता देने की कोशिश कर रहे हैं। यूरोप का सबसे बड़ा देश होने के नाते फ़्रांस फ़िलिस्तीन को एक राष्ट्र घोषित करने जा रहा है।
इजरायल और अमेरिका नाराज
इस फैसले के सार्वजनिक होने के बाद, इजरायल और अमेरिका फ़्रांस पर निशाना साध रहे हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि फ़्रांस हमास की ओर से बोल रहा है। उनकी हरकतें शांति स्थापना के लिए हानिकारक हैं। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ऐसा क़दम दरअसल ईरानी छाया युद्ध का एक हथियार है। इजराइली विदेश मंत्री ने दावा किया कि यह मामला बेहद शर्मनाक है।
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