France Protest: नेपाल में जनरेशन Z के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के चलते जहां सरकार को इस्तीफा देना पड़ा, वहीं अब फ्रांस में भी जनाक्रोश सड़कों पर उतर आया है। देश में ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ (Block Everything) नाम के विरोध आंदोलन ने सरकार के खिलाफ माहौल गरमा दिया है। यह प्रदर्शन न सिर्फ सड़कों पर दिखाई दे रहा है, बल्कि संसद के भीतर भी अस्थिरता और टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है।
क्यों शुरू हुआ फ्रांस में विरोध?
फ्रांस में लंबे समय से अर्थव्यवस्था में गिरावट, युवाओं में बेरोजगारी, और राजनीतिक अस्थिरता को लेकर जनता में असंतोष पनप रहा था। संसद में गठबंधन सरकार की नीतियों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसी बीच ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ नाम के विरोध अभियान ने जोर पकड़ लिया, जिसमें प्रदर्शनकारी देशभर में सड़कों, चौराहों, रेलवे ट्रैकों और संस्थानों को ठप करने की रणनीति अपना रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार ने आम जनता की आवाज़ को अनसुना किया है और पूंजीपतियों के हित में काम किया है। अब यह आंदोलन फ्रांस में एक राष्ट्रीय जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है।
क्या है ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन?
यह आंदोलन कोई एक संगठन या पार्टी द्वारा नहीं चलाया जा रहा, बल्कि यह एक जन-संचालित और विकेंद्रीकृत विरोध है। इसके तहत प्रदर्शनकारी देश के हर हिस्से में सरकारी संस्थाओं, परिवहन सेवाओं और प्रशासनिक तंत्र को ठप करने की कोशिश कर रहे हैं।
सड़कों पर उतरे युवाओं का कहना है कि उन्हें न तो स्थिर भविष्य की उम्मीद है और न ही सरकार से भरोसा। कई जगहों पर छात्रों, श्रमिकों, किसानों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर सरकार विरोधी नारों के साथ प्रदर्शन करते देखा गया है।
संसद में बढ़ी खींचतान
फ्रांस की संसद में पहले से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कड़े टकराव की स्थिति थी। ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन के कारण संसद में होने वाली बहसें अक्सर बाधित हो रही हैं। विपक्ष ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया है कि वे जनभावनाओं को दबा रहे हैं और संवैधानिक संस्थाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।
क्या नेपाल से जुड़ता है फ्रांस का विरोध?
नेपाल में हाल ही में Gen-Z आंदोलन के तहत सत्ता परिवर्तन हुआ। वहां युवाओं ने भ्रष्टाचार और राजनीतिक विफलता के खिलाफ मोर्चा खोला था। फ्रांस के हालात भी कुछ हद तक नेपाल की तरह ही नज़र आ रहे हैं, जहां युवा वर्ग नेतृत्व की पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहा है। फ्रांस में ‘ब्लॉक एवरीथिंग’ आंदोलन एक सामान्य विरोध से कहीं अधिक बन चुका है। यह राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक असंतोष का समेकित स्वरूप है, जो सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है। अगर सरकार समय रहते संवाद नहीं करती, तो यह आंदोलन व्यापक राजनीतिक संकट में तब्दील हो सकता है।

