Satish Shah Padma Shri: बॉलीवुड और टेलीविजन की दुनिया के प्रसिद्ध अभिनेता सतीश शाह का 25 अक्टूबर 2025 को निधन हो गया। 74 वर्षीय अभिनेता ने मुंबई में किडनी फेलियर के कारण अंतिम सांस ली। उनके निधन से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई है। सतीश शाह को उनके बहुआयामी अभिनय और हास्य शैली के लिए जाना जाता था, जो दर्शकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेगा।
उनके निधन के बाद, फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (FWICE) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक विशेष अपील की है। फेडरेशन ने एक पत्र लिखकर मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान देने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि सतीश शाह भारत के सबसे प्रिय और सम्मानित कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने अपने अभिनय से लाखों लोगों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी।
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FWICE की भावनात्मक अपील
FWICE ने अपने पत्र में सतीश शाह को एक प्रतिभाशाली और दुर्लभ कलाकार बताया, जिनका योगदान भारतीय सिनेमा और टेलीविजन में अमूल्य रहा है। उन्होंने लिखा कि सतीश शाह जब भी पर्दे पर आते थे, तो उनका हास्य और अभिनय दर्शकों को गहराई से प्रभावित करता था। उनके काम को देखते हुए उन्हें पद्मश्री जैसे राष्ट्रीय सम्मान से नवाजा जाना चाहिए।
पत्र में उनके कुछ यादगार कार्यों का भी उल्लेख किया गया है, जैसे ‘ये जो है जिंदगी’ ‘साराभाई वर्सेज साराभाई’ ‘जाने भी दो यारो’ ‘मैं हूं ना’ ‘ओम शांति ओम’ ‘हम आपके हैं कौन’‘गोलमाल’ ‘फिल्मी चक्कर’
इन फिल्मों और टीवी शोज़ में सतीश शाह ने ऐसे किरदार निभाए जो आज भी दर्शकों की स्मृति में जीवित हैं। उनकी कॉमिक टाइमिंग और सहज अभिनय शैली ने उन्हें इंडस्ट्री का पसंदीदा चेहरा बना दिया था।
बहुआयामी करियर और दर्शकों से जुड़ाव
सतीश शाह का करियर सिनेमा और टेलीविजन दोनों माध्यमों में बेहद सफल रहा। उन्होंने न केवल बड़े पर्दे पर बल्कि छोटे पर्दे पर भी अपनी छाप छोड़ी। उनके अभिनय में हास्य, भावनाएं और सामाजिक संदेश का अनूठा मिश्रण देखने को मिलता था। उन्होंने हर वर्ग के दर्शकों को प्रभावित किया और भारतीय मनोरंजन जगत में एक अलग पहचान बनाई।

उनके निधन के बाद FWICE की यह अपील दर्शाती है कि सतीश शाह का योगदान केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और समाज को भी अपने अभिनय के माध्यम से समृद्ध किया।
अगर सरकार FWICE की इस मांग पर विचार करती है और उन्हें पद्मश्री से सम्मानित करती है, तो यह न केवल सतीश शाह के प्रति श्रद्धांजलि होगी, बल्कि भारतीय कला जगत के लिए भी एक प्रेरणादायक कदम होगा।

