नई दिल्ली
टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने शनिवार को सोशल मीडिया पर चल रही स्पिलिट कोचिंग की थ्योरीज पर कड़ी आपत्ति जताई। कोच गंभीर ने उन बातों को 'हैरान करने वाला' बताया। यहां तक कि इस तरह की राय देने वालों से गौतम गंभीर ने 'अपने दायरे में रहने' को कहा। साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत की हालिया 0-2 टेस्ट सीरीज हार के बाद एक IPL टीम के मालिक सहित कुछ प्रभावशाली क्रिकेट हस्तियों ने BCCI से रेड-बॉल और व्हाइट-बॉल फॉर्मेट के लिए अलग-अलग कोच नियुक्त करने पर विचार करने को कहा था। तमाम लोगों द्वारा साझा किए गए स्पिलट कैप्टेंसी के विचार से गौतम गंभीर खफा दिखे।
गौतम गंभीर ने तीन मैचों की वनडे सीरीज को 2-1 से जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "देखिए, बहुत सारी बातें हुईं, क्योंकि नतीजे हमारे फेवर में नहीं रहे (टेस्ट सीरीज में), लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि किसी भी मीडिया या जर्नलिस्ट ने एक बार भी यह नहीं लिखा कि हमारा पहला टेस्ट मैच (कोलकाता में) कप्तान (शुभमन गिल) के बिना खेला गया था, जिसने दोनों पारियों में बैटिंग नहीं की (गर्दन की चोट की वजह से)।" गंभीर ने आगे कहा कि ऐसे ओपिनियन मेकर्स को ऐसी बातें कहने से बचना चाहिए जिनका ऑन-फील्ड क्रिकेट मामलों से कोई सीधा कनेक्शन न हो।
गंभीर ने कहा, "कुछ लोगों ने ऐसी बातें भी कहीं, जिनका क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं था। एक IPL टीम के मालिक (दिल्ली कैपिटल्स के पार्थ जिंदल ने X पर) ने भी स्प्लिट कोचिंग के बारे में लिखा। तो यह हैरानी की बात है। लोगों का अपने दायरे में रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि अगर हम किसी के दायरे में नहीं जाते, तो उन्हें भी हमारे दायरे में आने का कोई हक नहीं है।" गौतम गंभीर ने आगे पत्रकारों को भी नहीं बख्शा और कहा, "मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में बहाने नहीं बनाता। इसका मतलब यह नहीं है कि आप दुनिया या देश के सामने फैक्ट्स न दिखाएं। जब आप एक ट्रांजिशन से गुजरते हैं और जब आप अपने कप्तान को खो देते हैं, जो ऐसी टीम (SA) के खिलाफ रेड-बॉल क्रिकेट में आपका मेन बैट्समैन भी है।"
