Ganesh Chaturthi 2025: इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व विशेष संयोग के साथ मनाया जा रहा है। यह पावन पर्व 27 अगस्त दिन बुधवार यानी आज पड़ा है, जो इसे और अधिक शुभ व फलदायी बना रहा है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन गणपति बप्पा की स्थापना कर उनकी विधिपूर्वक पूजा की जाती है। बुधवार का दिन स्वयं भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है और जब यही दिन गणेश चतुर्थी के दिन पड़ता है, तो यह अत्यंत शुभ और फलप्रद योग का निर्माण करता है। इस दिन खास योग भी बन रहे हैं, जो भक्तों के लिए दिन को और अधिक मंगलकारी बना रहे हैं।
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दिन भर के शुभ मुहूर्त और योग

इस विशेष दिन पर पंचांग के अनुसार कई शुभ योग बन रहे हैं, जो पूजा, खरीदारी, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माने जा रहे हैं।
तिथि: चतुर्थी
नक्षत्र: हस्त और चित्रा
योग: शुभ और शुक्ल
वार: बुधवार
पक्ष: शुक्ल पक्ष
चौघड़िया मुहूर्त: पूजा और शुभ कार्यों के लिए श्रेष्ठ समय
सुबह के मुहूर्त:
लाभ: सुबह 5:57 से 7:33 बजे तक
अमृत: सुबह 7:33 से 9:09 बजे तक
शुभ: सुबह 10:46 से दोपहर 12:22 बजे तक
शाम के मुहूर्त:
शुभ: रात 8:12 से 9:35 बजे तक
अमृत: रात 9:35 से 10:59 बजे तक
चर: रात 10:59 से प्रात: 12:23 बजे तक
शुभ योग: सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग का निर्माण
गणेश चतुर्थी के दिन दो विशेष योग भी बन रहे हैं:
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 5:57 से 6:04 तक
रवि योग: सुबह 5:57 से 6:04 तक
ये योग इस दिन को और अधिक पुण्यदायी बनाते हैं। जो भी भक्त इन योगों में पूजा करते हैं, उन्हें विशेष लाभ और सिद्धि प्राप्त होती है।
गणेश पूजा व स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी के दिन गणेश स्थापना और पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त मध्याह्न में होता है।
पूजा मुहूर्त: सुबह 11:05 बजे से दोपहर 1:40 बजे तक
अवधि: कुल 2 घंटे 34 मिनट
इस समय के दौरान भगवान गणेश की स्थापना करना विशेष फलदायी माना जाता है। भक्त गणपति बप्पा की मूर्ति को घरों और पंडालों में स्थापित कर भक्ति, मंत्रों और विधियों के साथ पूजा करते हैं।
दस दिनों तक चलेगा गणेश उत्सव
गणेश चतुर्थी से शुरू होकर गणेश विसर्जन तक यह उत्सव पूरे दस दिनों तक मनाया जाता है। भक्तजन पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ इन दिनों बप्पा की सेवा करते हैं, उन्हें भोग अर्पित करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
