Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में कई सारे पर्व त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन गणेश चतुर्थी को बेहद ही खास माना गया है जो कि पूरे दस दिनों तक चलता है इस दौरान भक्त घर में गणपति की स्थापना कर उनकी विधिवत पूजा करते हैं और अंत में प्रतिमा का विसर्जन कर देते हैं। इस साल गणेश महोत्सव का आरंभ 26 अगस्त से होने जा रहा है और इसका समापन 7 सितंबर दिन रविवार को हो जाएगा। ऐसे में हम आपको गणेश स्थापना की सरल विधि और इससे जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
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मूर्ति स्थापना से जुड़े नियम
आपको बता दें कि हमेशा ही गणेश जी की ऐसी प्रतिमा का चयन करना चाहिए। जिसमें वह बैठी हुई अवस्था में हों और उनकी सूंड बाईं ओर झुकी हो। इसके साथ ही वह मूर्ति में मूषक पर विराजमान हों। घर में मंदिर या ईशान कोण की साफ सफाई करने के बाद वहां गंगाजल का छिड़काव करें। भगवान गणेश के साथ रिद्धि सिद्धि की भी स्थापना जरूर करनी चाहिए इसके अलावा कलश भी रखें।
गणेश स्थापना की सरल विधि
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद घर और मंदिर की साफ सफाई करें। गणेश प्रतिमा स्थापित करने के लिए एक मंडप सजाएं, जिसके लिए पुष्प, रंगोली और दीपक का भी प्रयोग करें। इसके बाद एक कलश लेकर उसमें गंगाजल, रोली, चावल, सिक्के और आम के पत्ते डालकर इसे मंडप में स्थापित करें। अब एक चौकी पर हरे रंग का वस्त्र बिछाएं और गणेश जी की मूर्ति स्थापित कर तीन बार आचमन करते हुए गणेश जी को पंचामृत से स्नान करवाएं।
फिर प्रतिमा के पास दीपक जलाएं और भगवान को वस्त्र, जनेउ, चंदन, सुपारी व फल पुष्प अर्पित करें। भगवान गणेश जी को 21 दूर्वा भी अर्पित करें, इसके साथ ही उनका प्रिय भोग मोदक चढ़ाएं। अंत में सभी लोग मिलकर भगवान की विधिवत आरती करें और प्रसाद बांटें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
