Ganga Saptami 2025 date: कब है गंगा सप्तमी? नोट करें दिन तारीख और पूजा का मुहूर्त

मान्यता है कि ऐसा करने से देवी गंगा की कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। हिंदू धर्म में गंगा नदी को माता रूप में पूजा जाता है।

Nivedita Kasaudhan
Ganga Saptami 2025
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Ganga Saptami 2025 date: कब है गंगा सप्तमी? नोट करें दिन तारीख और पूजा का मुहूर्तसनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन गंगा सप्तमी को बेहद ही खास माना गया है जो कि मां गंगा को समर्पित है। इस दिन मां गंगा की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है और उपवास भी रखा जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी गंगा की कृपा बरसती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। हिंदू धर्म में गंगा नदी को माता रूप में पूजा जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार पवित्र गंगा राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी और इसी दिन से गंगा सप्तमी का पर्व मनाया जाने लगा। गंगा सप्तमी के शुभ दिन पर पवित्र नदी गंगा में स्नान करके ध्यान पूजन करने से मां गंगा की कृपा बरसती है और सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिल जाता है साथ ही आरोग्य का भी आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में हम आपको गंगा सप्तमी की तारीख और मुहूर्त के बारे में बता रहे हैं।

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गंगा सप्तमी की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी यानी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि का आरंभ 3 मई को सुबह 7 बजकर 51 मिनट पर हो रहा है। वही इस तिथि का समापन अगले दिन 4 मई को सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार गंगा सप्तमी का पर्व 3 मई को मनाया जाएगा।

गंगा सप्तमी की पूजा का मुहूर्त

पंचांग के अनुसार गंगा सप्तमी के दिन स्नान ध्यान और पूजा पाठ का शुभ मुहूर्त सुबह 10 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक है। इस दौरान भक्तों को पूजा के लिए कुल मिलाकर 2 घंटे 40 मिनट का शुभ मुहूर्त प्राप्त होगा।

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इस दिन का महत्व

आपको बता दें कि गंगा सप्तमी को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार इसी दिन पवित्र गंगा स्वर्ग से धरती पर अवतरित हुई थी। गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करने से सुख समृद्धि में वृद्धि होती है साथ ही पापों का भी नाश हो जाता है। गंगा जयंती के शुभ दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान जरूर देना चाहिए। ऐसा करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और धन धान्य की कमी दूर हो जाती है।

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