Garba Controversy 2025: छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने नवरात्र के अवसर पर मुस्लिम युवाओं से विशेष अपील की है। उन्होंने कहा कि गरबा एक धार्मिक और भक्तिपूर्ण आयोजन है, जिसमें माता दुर्गा की आराधना की जाती है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के युवाओं से अनुरोध किया है कि वे ऐसे आयोजनों में अकारण भाग न लें, जिससे किसी भी प्रकार की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचे।
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“गरबा धार्मिक आयोजन है, सिर्फ नृत्य नहीं”
डॉ. राज ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि गरबा केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह देवी दुर्गा की शक्ति की प्रतीकात्मक आराधना है। उन्होंने कहा कि यह नृत्य जीवन के चक्र और देवी के शक्ति स्वरूप का प्रतीक है। ऐसे में जो समुदाय मूर्ति पूजा को नहीं मानता, उन्हें इस तरह के धार्मिक आयोजनों से दूरी बनाए रखनी चाहिए।
शांति और सद्भाव की अपील
वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने मुस्लिम समुदाय से राज्य में शांति, भाईचारे और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि नवरात्र एक पवित्र और भावनात्मक पर्व है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। ऐसे आयोजनों में गलत नीयत से शामिल होकर उपद्रव करना अनुचित है और यह न केवल सामाजिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि हिंदू समाज की भावनाओं को भी आहत करता है।
अनुमति और सम्मान के साथ शामिल हो सकते हैं
हालांकि, डॉ. सलीम राज ने यह भी कहा कि यदि कोई मुस्लिम युवक या युवती गरबा में पारंपरिक वेशभूषा पहनकर, आयोजन समिति की अनुमति लेकर और पूरे सम्मान के साथ भाग लेना चाहता है, तो उसमें कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “आयोजन की गरिमा और परंपरा का सम्मान करते हुए अगर कोई भाग ले, तो यह सामाजिक समरसता का उदाहरण हो सकता है।”
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“इस्लाम शांति का प्रतीक है” – डॉ. राज
डॉ. राज ने अपने वक्तव्य में यह भी जोड़ा कि इस्लाम शांति का धर्म है, और इसके अनुयायियों को चाहिए कि वे हर परिस्थिति में अमन और चैन को प्राथमिकता दें। उन्होंने राज्य में सभी समुदायों से मिल-जुलकर त्योहार मनाने और किसी भी प्रकार के टकराव से बचने की अपील की।
