Garib Rath Fire: शुक्रवार सुबह राजस्थान में एक बड़ा रेल हादसा टल गया जब मुंबई के बांद्रा से दिल्ली के सराय रोहिल्ला जा रही गरीब रथ एक्सप्रेस के इंजन में अचानक आग लग गई। घटना के वक्त ट्रेन में 500 से अधिक यात्री सवार थे। गनीमत यह रही कि आग सिर्फ इंजन तक ही सीमित रही और डिब्बों तक नहीं पहुँची, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
धीमी गति ने बचाई सैकड़ों जानें
यह ट्रेन रात 11:30 बजे बांद्रा स्टेशन से रवाना हुई थी और सुबह 3:45 बजे अजमेर पहुँचने वाली थी। रास्ते में यह ट्रेन किसी भी छोटे स्टेशन पर नहीं रुकती। घटना उस समय हुई जब ट्रेन एक स्टेशन से आधे रास्ते पर थी और धीमी गति से चल रही थी। इसी वजह से लोको पायलट को तत्काल कार्रवाई करने का मौका मिला और उसने सूझबूझ से काम लेते हुए ट्रेन को तुरंत रोक दिया।
लोको पायलट ने दिखाया साहस और तत्परता
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जब लोको पायलट ने इंजन के दूसरी तरफ से धुआं और आग की लपटें निकलती देखीं, तो उन्होंने बिना देर किए ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और साहसिक निर्णय ने सैकड़ों यात्रियों की जान बचा ली। ट्रेन रुकते ही रेल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके बाद आग बुझाने का काम शुरू किया गया। दमकल विभाग को भी तुरंत सूचित किया गया। यात्रियों में थोड़ी घबराहट ज़रूर देखी गई, लेकिन राहत की बात यह रही कि किसी को चोट नहीं आई।
सुबह 8 बजे तक आग पर पाया गया काबू
रेलवे अधिकारियों की तत्परता और दमकल कर्मियों की मेहनत से सुबह 8 बजे तक आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। इस दौरान ट्रेन को पूरी तरह खाली करा दिया गया था। घटना की वजह से उस रेल रूट पर यातायात कुछ घंटों के लिए बाधित रहा। रेलवे विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी।
यात्रियों की सुरक्षा बनी प्राथमिकता
इस घटना ने एक बार फिर रेलवे की आपात प्रतिक्रिया प्रणाली की परीक्षा ली, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों ने तत्परता का परिचय दिया। लोको पायलट की सतर्कता और रेलवे प्रशासन की त्वरित कार्रवाई ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। गरीब रथ एक्सप्रेस के इंजन में आग लगने की यह घटना भले ही चिंताजनक रही हो, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी यात्री को कोई नुकसान नहीं पहुँचा। लोको पायलट की सूझबूझ और रेलवे कर्मचारियों की त्वरित प्रतिक्रिया ने इसे एक मिसाल बना दिया कि कैसे सजगता से बड़े संकट टाले जा सकते हैं।
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