Gaurav Gogoi: कांग्रेस सांसद गौरव गोगई ने सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान सरकार पर तीखा हमाला बोलते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और विदेश नीति की सच्चाई सदन के सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने वक्तव्य में कई बातें कहीं, लेकिन यह नहीं बताया कि पाच आतंकवादी भारत में कैसे घुसे और 26 निर्दोष पर्यटकों को मौत के घाट कैसे उतारा गया।
गोगोई ने कहा कि विपक्ष का कर्तव्य है कि वह देश हित में सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि 100 दिन बीतने के बावजूद सरकार पांच आतंकवादियों को क्यों नहीं पकड़ पाई। उन्होंने दावा किया कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे और उनका उद्देश्य भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाना और भारत-पाकिस्तान में टकराव पैदा करना था।
सैनिकों की वीरता की सराहना
कांग्रेस सांसद ने कहा कि राजनाथ सिंह ने जवानों की बहादुरी की बात की, लेकिन आतंकियों की मंशा का जिक्र नहीं किया। उन्होंने यह भी बताया कि हमले के दौरान किस तरह कश्मीर के स्थानीय लोगों ने पर्यटकों की मदद की और पूरा देश उनके इस जज्बे को सलाम कर रहा है। उन्होंने इसे भारत की संस्कृति और इंसानियत की मिसाल बताया। गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार में अहंकार भर चुका है। उन्हें लगता है कि चाहे कितनी भी बड़ी चूक हो जाए, उनसे कोई सवाल नहीं पूछेगा। लेकिन विपक्ष सवाल करेगा। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक मां और बेटी सेना की वर्दी में आए आतंकियों से डर कर एक सिपाही से गुहार लगा रही थीं, और उस सिपाही को कहना पड़ा कि “मैं सच्चा सैनिक हूं, डरो मत।”
रक्षा मंत्री के दावों पर उठे सवाल, हमले फिर क्यों हो रहे हैं?
गोगोई ने कहा कि रक्षा मंत्री अक्सर जम्मू-कश्मीर जाकर दावा करते हैं कि हमने आतंकियों की रीढ़ तोड़ दी है, लेकिन फिर भी हमले क्यों हो रहे हैं? उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस वक्त सऊदी अरब में थे, लेकिन हमले के बाद उन्होंने पहलगाम नहीं जाकर बिहार में चुनावी भाषण देना ज्यादा जरूरी समझा।
POK पर सरकार की चुप्पी पर विपक्ष ने उठाए सवाल
गौरव गोगोई ने सरकार से पूछा कि जब वह बार-बार कहती है कि हम घुसकर मारते हैं, तो अब तक पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) क्यों नहीं लिया गया। उन्होंने कहा कि 2016 से लेकर अब तक सरकार यही कह रही है कि पाकिस्तान कुछ नहीं कर सकता, लेकिन फिर ऑपरेशन सिंदूर को अधूरा क्यों बताया जा रहा है?
चीन की भूमिका पर सरकार मौन क्यों?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सेना खुद कह चुकी है कि पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा था। उन्होंने सवाल किया कि जब सरकार बार-बार कहती है कि वह चीन को लाल आंख दिखाएगी, तो फिर चीन पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? उन्होंने पूछा कि युद्ध के दौरान पाकिस्तान को चीन से कितनी मदद मिली, यह जानकारी देश को रक्षा मंत्री और प्रधानमंत्री से मिलनी चाहिए।
लड़ाकू विमानों से दूर से हमला क्यों हुआ, पास से क्यों नहीं?
गोगोई ने सवाल उठाया कि देश के पास बेहतरीन लड़ाकू विमान और पायलट हैं, फिर भी हमारे विमान दुश्मन पर दूर से हमला करने को मजबूर क्यों हुए? उन्होंने कहा कि यह सवाल देश की सुरक्षा नीति पर उठते हैं और इस पर सफाई मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना के CDS ने सिंगापुर में जाकर ब्लूमबर्ग से कहा कि हमने अपनी गलतियों से सीखा और दूर से हमला किया। क्या यह देश को बताया जाना जरूरी नहीं है?
अमेरिका की मध्यस्थता पर सवाल
गौरव गोगोई ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बयान का हवाला देते हुए कहा कि ट्रम्प ने दावा किया कि उन्होंने 26 बार भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर रुकवाया। उन्होंने पूछा कि युद्ध में कितने फाइटर जेट गिरे? एक-एक जेट करोड़ों रुपये का है। फिर सीजफायर क्यों हुआ? अगर पाकिस्तान झुकने को तैयार था, तो भारत ने झुकने की जरूरत क्यों समझी? गौरव गोगोई ने अंत में दोहराया कि विपक्ष सरकार का विरोध नहीं, बल्कि देशहित में सवाल पूछ रहा है। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की मजबूती का संकेत है और सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए। गोगोई ने कहा कि सदन को सच्चाई जानने का हक है और देश को पारदर्शिता चाहिए।
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