Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। देवकली चकवलियां और सोन्हुली गांव में एक कुत्ते ने रात 10 बजे से सुबह 5 बजे के बीच 15 लोगों को काटकर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया। घटना ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
ग्रामीणों में हड़कंप, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भीड़
कुत्ते के हमले से प्रभावित ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवकली पहुंचे, जहां घायलों को प्राथमिक उपचार दिया गया। हालांकि, पर्याप्त मात्रा में रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध होने के कारण सभी घायलों को तुरंत इंजेक्शन लगाया गया। प्रशासन और ग्रामीण अब उस कुत्ते की तलाश में जुट गए हैं, ताकि आगे किसी अनहोनी को रोका जा सके।
कुत्ते के हमले के शिकार हुए स्थानीय निवासी और पशु
बताते चले कि जो लोग कुत्ते के हमले में घायल हुए,उनमें देवकली की दलित बस्ती के सीताराम, रामसमझ पासवान, प्रकाश राम, गोगा अहमद, कैलाश गुप्ता और एक महिला शामिल हैं. सोन्हुली में माधुरी मौर्या और अन्य ग्रामीण भी प्रभावित हुए. चकवलियां में आदित्य कुशवाहा, शंकर कुशवाहा, राजेश पाल और लकी यादव जख्मी हुए। इसके अलावा, चिथरु पाल की तीन गायें और शकीला बानो की कई बकरियां भी कुत्ते के हमले का शिकार हुई।
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर सख्ती के संकेत दिए
इसी बीच, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने बुधवार को दिल्ली-NCR की सड़कों पर आवारा कुत्तों पर प्रतिबंध पर फिर से विचार करने का आश्वासन दिया। यह सुनवाई कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स (इंडिया) की याचिका पर हुई, जिसमें NGO सचिव ननीता शर्मा ने जल्द सुनवाई की मांग की थी।
SC ने आवारा कुत्तों के शेल्टर होम में स्थानांतरण के आदेश दिए
CJI ने सुनवाई के दौरान कहा कि 2024 में जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच के आदेश के मुताबिक कुत्तों की बेहिसाब हत्या नहीं की जा सकती। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को आदेश दिया था कि डॉग बाइट्स और रेबीज मामलों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों के भीतर शेल्टर होम में भेजा जाए। कोर्ट ने इस काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी।
स्थानीय प्रशासन और नागरिक सतर्क
घटना के बाद गाजीपुर प्रशासन और स्थानीय नागरिक सतर्क हो गए हैं। गांव में आवारा कुत्तों के आतंक को रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीमों को लगाया गया है. साथ ही, ग्रामीणों को भी कुत्तों से बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है.
