Goa Nightclub Fire: गोवा क्लब फायर केस की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। लूथरा ब्रदर्स और उनके पार्टनर अजय गुप्ता पर अब जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। एजेंसियां इस बात की पड़ताल कर रही हैं कि क्या इनकी फंडिंग चेन का कोई हिस्सा अंडरवर्ल्ड से जुड़ा हुआ है।
अजय गुप्ता का बैकग्राउंड

जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार अजय गुप्ता, नॉर्थ दिल्ली के मशहूर बिल्डर अमित गुप्ता का भाई है। अगस्त 2022 में बुराड़ी इलाके में अमित गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज हत्या की जिम्मेदारी एक महीने बाद सोशल मीडिया पर कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर ने ली थी, जो जीतेन्द्र गोगी गैंग से जुड़ा माना जाता है। बॉक्सर को अप्रैल 2023 में मेक्सिको से भारत लाया गया था। इसके बाद रोहिणी कोर्ट में हुई गोलीबारी की बड़ी घटना में जीतेन्द्र गोगी की हत्या कर दी गई थी।
हाई-प्रोफाइल लोगों का पैसा और नेटवर्क
अमित गुप्ता की हत्या के बाद पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि कई हाई-प्रोफाइल लोगों का पैसा अमित के पास निवेशित था, जिसे वह मार्केट में घुमा रहा था। अमित की मौत के बाद वही नेटवर्क कथित तौर पर उसका भाई अजय गुप्ता इस्तेमाल करने लगा।
लूथरा ब्रदर्स के क्लबों में निवेश
सूत्रों के मुताबिक, लूथरा ब्रदर्स के कई क्लबों और बिज़नेस वेंचर्स में अमित और अजय गुप्ता ने मोटी रकम निवेश की थी। अब गोवा पुलिस अजय गुप्ता से पूछताछ कर रही है ताकि लूथरा ब्रदर्स के साथ हुई सभी ट्रांजैक्शंस की जांच की जा सके।
पुरानी पहचान और विवादों में मदद?
जांच एजेंसियां यह भी खंगाल रही हैं कि क्या लूथरा ब्रदर्स की अमित गुप्ता से पुरानी पहचान थी। क्या उन्होंने किसी विवाद या निर्माण संबंधी मुद्दे पर अमित से मदद ली थी? गोवा में उनके एक कथित अवैध निर्माण पर नोटिस जारी होने के दौरान क्या अमित ने कोई प्रोटेक्शन या सेटिंग की थी? इसी तरह दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित उनके रेस्टोरेंट को MCD नोटिस मिलने पर भी अमित गुप्ता की भूमिका की जांच की जा रही है।
अवैध निर्माण और रुकी हुई कार्रवाई
गोवा में लूथरा ब्रदर्स की एक और कथित अवैध प्रॉपर्टी पर कार्रवाई कई बार रुकी। एजेंसियां अब इन देरीयों के पीछे की संभावित सांठ-गांठ की जांच कर रही हैं।
अमित गुप्ता के बेटे की हिस्सेदारी का दावा
सूत्रों का कहना है कि अमित गुप्ता के बेटे की भी लूथरा ब्रदर्स के बिजनेस में हिस्सेदारी है। अगर यह दावा सही साबित होता है, तो दोनों पक्षों के बीच गहरे आर्थिक संबंध की पुष्टि हो सकती है।
जांच का फोकस
जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क को फाइनेंशियल ट्रेल, प्रॉपर्टी लिंक और पुराने संबंधों के आधार पर जोड़ने में लगी हैं। अभी तक यह साफ हो चुका है कि मामला सिर्फ क्लब फायर तक सीमित नहीं है। पैसे, पावर और अंडरवर्ल्ड कनेक्शन की संभावनाओं की पूरी चेन खंगाली जा रही है।
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