Gola Gokarnnath Stampede: Lakhimpur खीरी जिले के पवित्र स्थल गोला गोकर्णनाथ मंदिर, जिसे “छोटी काशी” के नाम से जाना जाता है, वहां सावन के तीसरे सोमवार यानी आज आस्था की भीड़ में अफरा-तफरी मच गई। हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी के बीच अचानक भगदड़ का माहौल बन गया, जिससे कई लोग घायल हो गए। गनीमत रही कि किसी बड़े जानमाल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन ऐसी घटनाएं कई बड़े सवाल खड़े कर रही हैं।
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प्रशासन की तैयारी नाकाफी साबित हुई

भगदड़ की खबर जैसे ही फैली, मौके पर अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि भीड़ नियंत्रण के कोई ठोस इंतजाम नहीं थे। श्रद्धालुओं का आरोप है कि पुलिस ने न केवल असंवेदनशील रवैया दिखाया बल्कि कई बार उनसे अभद्र भाषा में बात की गई, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
बैरिकेडिंग बनी परेशानी की जड़
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बैरिकेडिंग की व्यवस्था बेहद कमजोर थी। भीड़ बढ़ने पर जगह-जगह धक्का-मुक्की शुरू हो गई और लोग गिरने लगे। अगर थोड़ी और भीड़ बढ़ जाती, तो स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती थी। यह बात साफ कर देती है कि इस तरह की धार्मिक भीड़ को संभालने के लिए योजना और सतर्कता की भारी कमी रही।
सुरक्षा को किया जा रहा नजरअंदाज?
हर साल सावन में लाखों श्रद्धालु गोला गोकर्णनाथ शिवधाम में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां हर साल बारी भीड़ देखने को मिलती है। इसके बावजूद हर साल प्रशासन की एक जैसी लापरवाही देखी जाती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या श्रद्धालुओं की जान केवल किस्मत के भरोसे है?
अब भी समय है संभलने का
इस बार कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुई, लेकिन यह महज एक संयोग हो सकता है। अगर इसी तरह की लापरवाही भविष्य में दोहराई गई, तो हालात बहुत खतरनाक हो सकते हैं। स्थानीय लोग और श्रद्धालु प्रशासन से पूछ रहे हैं, क्या अगली सावन सोमवार से पहले हालात सुधरेंगे? क्या भीड़ नियंत्रण की आधुनिक तकनीक और श्रद्धालु-मैत्रीपूर्ण रणनीति अपनाई जाएगी?


