Gold Price Fall: सोने की कीमत में भारी गिरावट क्यों? जानें मुनाफावसूली और कमजोर वैश्विक मांग का असर

पिछले दो हफ्तों में सोने की कीमतों में रिकॉर्ड स्तर से भारी गिरावट देखने को मिली है, जिससे निवेशक असमंजस में हैं। यह गिरावट मुख्य रूप से ऊँचे दामों पर मुनाफावसूली, अमेरिकी डॉलर की मजबूती और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव में कमी आने का संकेत है।

Chandan Das
Gold

Gold Price Fall: देश के वायदा बाजार में सोने की कीमतों में हाल के दो हफ्तों में लगभग 10 फीसदी की गिरावट देखी गई है। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोना अपने लाइफटाइम हाई 1,32,294 रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 1,19,351 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया है। गिरावट से निवेशकों में चिंता बढ़ी है और सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह एक गहरी गिरावट की शुरुआत है या लंबे समय के लिए खरीदारी का अवसर।

गिरावट और समर्थन दोनों कारक

विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा समय में सोने पर दबाव और समर्थन दोनों फैक्टर काम कर रहे हैं। एक ओर अमेरिका-चीन ट्रेड डील में आशावाद ने सोने की चमक को कम किया है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित 25 बेसिस प्वॉइंट दर में कटौती सोने की कीमतों को सहारा दे सकती है। ऑगमोंट में रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी के अनुसार, सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की अपील वैश्विक स्तर पर थोड़ी कमजोर हुई है। चैनानी ने कहा, “यदि फेड नरम रुख अपनाता है, तो नॉन-यील्ड वाले असेट्स जैसे गोल्ड में मांग बढ़ सकती है। वहीं अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में सकारात्मक संकेतों ने भी सोने पर दबाव बनाया है।”

तकनीकी और बाजार का रुख

पृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन के अनुसार, सोना अभी भी अपने 3,870 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस और चांदी 46.50 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस के समर्थन स्तर पर बना हुआ है। घरेलू बाजार में, सोने का सपोर्ट 1,17,000-1,18,000 रुपये और रसिस्टेंस 1,21,000-1,22,000 रुपये के आसपास है। जैन का कहना है कि यदि ये स्तर बरकरार रहते हैं, तो सोना 1,21,500 रुपये तक रिकवरी कर सकता है।

इस हफ्ते इन फैक्टर्स पर निगाह

एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट जतिन त्रिवेदी का कहना है कि फेड की ब्याज दर नीति और अमेरिका-चीन ट्रेड डील इस हफ्ते सोने की कीमतों को दिशा देंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सोना 1,16,500-1,18,000 रुपये पर मजबूत सपोर्ट और 1,21,000-1,22,000 रुपये पर रसिस्टेंस के बीच कारोबार कर रहा है।

निवेशकों के लिए क्या संकेत

विश्लेषक निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। तकनीकी कमजोरियों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के चलते कीमतों में अस्थिरता जारी रह सकती है। हालांकि, कुछ लॉन्ग-टर्म निवेशक इस गिरावट को एंट्री प्वाइंट मान सकते हैं। जैन ने कहा कि शॉर्ट कवरिंग देखी जा रही है और लॉन्ग-टर्म निवेशकों को अपनी लॉन्ग पोजीशन बनाए रखने की सलाह दी जा रही है। सोने की कीमतों में गिरावट और रिकवरी दोनों संभावित हैं। निवेशकों को फेड की ब्याज दर नीति, अमेरिका-चीन ट्रेड वार्ता और तकनीकी सपोर्ट-रसिस्टेंस स्तर पर नजर रखकर ही निर्णय लेना चाहिए। वर्तमान समय में, बाजार की अस्थिरता का लाभ उठाने वाले सतर्क निवेशक ही सुरक्षित रह सकते हैं।

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