Gorakhpur News: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को गोरखपुर में एक अत्याधुनिक और हाई-टेक फोरेंसिक लैब का उद्घाटन किया। यह लैब जिला अस्पताल के इमरजेंसी गेट के ठीक सामने बनाई गई है। छह मंजिला इस प्रयोगशाला का निर्माण लगभग 73 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। पहले यह लैब बी-ग्रेड श्रेणी में थी, लेकिन अब इसे ए-ग्रेड में अपग्रेड कर दिया गया है। इस अपग्रेडेशन से न केवल पूर्वांचल बल्कि नेपाल बॉर्डर से जुड़े मामलों की जांच में भी क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिलेगा।
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लैब की नई सुविधाएँ
इस नई फोरेंसिक लैब में कई अत्याधुनिक तकनीकें और सुविधाएँ जोड़ी गई हैं, जिनसे अपराध जांच की प्रक्रिया और तेज तथा सटीक हो जाएगी।
मोबाइल, लैपटॉप, पेन ड्राइव, सीसीटीवी फुटेज और अन्य डिजिटल डिवाइस से डेटा रिकवर करने की आधुनिकतम सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
साइबर क्राइम की जांच के लिए अलग डिविजन बनाया गया है।
वॉइस एनालिसिस (आवाज की वैज्ञानिक पहचान) के लिए नई यूनिट स्थापित की गई है।
गोली, कारतूस और हथियारों की बैलिस्टिक जांच की सुविधा जोड़ी गई है।
विस्फोटकों का पूरा केमिकल एनालिसिस अब गोरखपुर में ही संभव होगा।
वीडियो ऑथेंटिकेशन, एडिटिंग डिटेक्शन और स्पीकर आइडेंटिफिकेशन जैसी तकनीकें भी अब स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी।
अपराध जांच में बड़ा फायदा
जनपद गोरखपुर में क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवीन उच्चीकृत भवन जी+6 के लोकार्पण कार्यक्रम में… https://t.co/J31lO6iFKN
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 18, 2025
इस लैब के शुरू होने से अपराध जांच में बड़ा बदलाव आएगा। पहले अधिकांश सैंपल लखनऊ भेजे जाते थे, जिससे जांच रिपोर्ट आने में हफ्तों या महीनों का समय लग जाता था। अब 90% से अधिक जांच गोरखपुर में ही पूरी हो सकेगी। इससे:
केस चार्जशीट की प्रक्रिया कई गुना तेज होगी।
साइबर अपराध, हत्या, बलात्कार, आतंकवाद और बॉर्डर क्राइम जैसे गंभीर मामलों का खुलासा जल्दी होगा।
पुलिस को बार-बार लखनऊ दौड़ने और लंबा इंतजार करने से छुटकारा मिलेगा।
सरकार का समय, पैसा और संसाधनों की बचत होगी।
निर्माण और निरीक्षण
इस पूरी बिल्डिंग का निर्माण उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण निगम ने किया है। सोमवार को जोनल एडीजी मुथा अशोक जैन, जिलाधिकारी दीपक मीणा और एसएसपी राजकरन नय्यर ने लैब का दौरा कर तैयारियों का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि नई लैब शुरू होते ही पूर्वांचल के दर्जनों जिलों की पुलिस को तुरंत राहत मिलेगी और अपराध जांच की प्रक्रिया में तेजी आएगी।