गोरखपुर संवाददाता: धनेश कुमार
Gorakhpur: परिवहन विभाग के चालकों के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून के विरोध में आज पूरे भारत में परिवहन विभाग की बसों का चक्का जाम हो गया है। बस स्टेशनों पर यात्री दर-दर भटकते हुए नजर आए। गोरखपुर के रेलवे बस स्टेशन कचहरी बस स्टेशन पर आसपास व दूर दराज के इलाकों में जाने वाले यात्री आज सुबह से ही भटकते हुए नजर आए। वजह थी परिवहन विभाग के बस चालकों द्वारा हड़ताल किए जाने से बसों का चक्का जाम हो गया। बस चालकों का कहना है कि केंद्र सरकार के नए कानून के मुताबिक सड़क दुर्घटना के बाद अगर बस चालक दुर्घटना के बाद मौके से फरार हो जाता है तो उसे 5 साल की कैद और 10 लाख रुपए जुर्माना का सामना करना पड़ सकता है।
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बसों के चालक पूरे भारत में एक साथ हड़ताल पर

इस कानून के सामने आने के बाद सरकारी बसों के चालक पूरे भारत में एक साथ हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मांग है कि इस काले कानून को जल्द से जल्द खत्म किया जाए चालकों ने कहा कि बस द्वारा दुर्घटना होने के बाद आसपास मौजूद भीड़ सबसे पहले चालक को मौत के घाट उतारने की कोशिश करती है और बस को आग लगा देती है हादसे के बाद अपनी जान बचाना उनकी पहली प्राथमिकता होती है। हालांकि वह भागते नहीं कुछ दूर जाने के बाद पुलिस को दुर्घटना की जानकारी जरूर दे देते हैं। वह भी चाहते हैं कि हादसे के शिकार व्यक्ति की जान बच सके।
बस चालकों ने की हड़ताल
जबकि सरकार की माने तो सड़क दुर्घटना के बाद बस चालकों के भाग जाने की वजह से दुर्घटना का शिकार हुआ व्यक्ति प्राथमिक उपचार न पाने की वजह से तड़प तड़प कर मर जाता है। इस कानून के वजह से लोगों के अमूल्य जीवन को बचाया जा सकेगा लेकिन बस चालकों का कहना है कि उनकी स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि वह 10 लाख जुर्माना भर सके और 5 साल की कैद काट सके। इसलिए जब तक यह काला कानून खत्म नहीं होगा उनका हड़ताल जारी रहेगा।
सरकार की वजह से आम लोगों पर असर पड़ रहा

अनिश्चितकालीन सरकार की वजह से सबसे ज्यादा असर आम लोगों पर पड़ना है। जहां लोग बस यात्रा के लिए दर-दर भटकते हुए नजर आए वहीं प्राइवेट गाड़ियों को चलाने वालों की चांदी भी हो गई प्राइवेट बस चालक दुगना और कितना किराया वसूलकर लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचा रहे हैं। गोरखपुर क्षेत्रीय प्रबंधक की माने तो उनके पास बस और चालक दोनों ही उपलब्ध है। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से और हड़ताल में हो रहे जोरदार विरोध के मद्देनजर वह बसों को रवाना नहीं कर रहे हैं। उनका कहना है की हड़ताल की उन्हें कोई लिखित जानकारी किसी भी संगठन द्वारा नहीं दी गई है।
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