Grahan 2026: साल 2026 धार्मिक नजरिएं से बेहद ही खास होने वाला है। क्योंकि इस साल कुल चार ग्रहण लगने जा रहे हैं। इनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण शामिल होंगे। सनातन धर्म में ग्रहण को बेहद ही खास माना जाता है। इस दौरान सूतक काल और ग्रहण अवधि में कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है। विशेषकर गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय सावधानी बरतने का होता है। इसलिए नए साल की शुरुआत से पहले यह जरूर जान लें कि साल 2026 का पहला सूर्य और चंद्र ग्रहण कब लगेगा और किन नियमों का पालन इस दौरान जरूरी है, तो आइए जानते हैं।
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साल का पहला सूर्य ग्रहण

आपको बता दें कि साल 2026 का पहला सूर्य ग्रहण 17 फरवरी को लग रहा है। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। धार्मिक नियमों का पालन करने की बाध्यता नहीं रहेगी।
साल का पहला चंद्र ग्रहण
नए साल का पहला चंद्र ग्रहण 3 मार्च 2026 को लगेगा। यह भारत में दिखाई पड़ेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा। खास बात यह है कि इस दिन होली का त्योहार भी पड़ रहा है। ऐसे में धार्मिक सतर्कता और नियमों का पालन बेहद ही जरूरी है।
ग्रहण के दौरान क्या करें?
ग्रहण काल को धार्मिक दृष्टि से विशेष माना जाता है। इस दौरान कुछ कार्य शुभ माने जाते हैं:
भगवान के नाम का जाप करें।
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें।
ध्यान, पूजा और मंत्रों का जाप करें।
हनुमान चालीसा, गायत्री मंत्र या महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें।
गरीबों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें।
घर में गंगाजल का छिड़काव करें।
भोजन और पानी में तुलसी दल या कुशा डालें ताकि नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम हो।
ग्रहण के दौरान क्या न करें?

ग्रहण काल में कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं। इनसे बचना चाहिए:—
गर्भवती महिलाएं नुकीली वस्तुओं से दूर रहें।
सूतक काल से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक भोजन पकाने या खाने से परहेज करें।
मंदिर में स्थापित देवी-देवताओं की मूर्तियों को न छुएं।
किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य की शुरुआत न करें।
गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं, इसलिए पूजा स्थगित रहती है।
तामसिक भोजन और नकारात्मक गतिविधियों से दूरी बनाए रखें।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
