Gujarat News: गुजरात के गिर सोमनाथ जिले के कोडिनार इलाके से एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामना आया है। यहां छारा कन्या प्राइमरी स्कूल में कार्यरत शिक्षक और बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) अरविंदभाई वाढेर ने काम के असहनीय दबाव और मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या कर ली। शुक्रवार, 21 नवंबर को उन्होंने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।
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सुसाइड नोट में दर्ज पीड़ा
मृतक शिक्षक के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा कि SIR और चुनावी कार्यों का बोझ उनके लिए असहनीय हो गया था। उन्होंने अपनी पत्नी को संबोधित करते हुए लिखा – “मेरे से अब यह SIR का काम नहीं हो सकेगा। SIR में काम करते-करते थक गया हूं। तुम अपना और बेटे का ख्याल रखना। मैं तुम दोनों को बहुत चाहता हूं, लेकिन अब मैं बहुत मजबूर हो गया हूं।”
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कौन था शिक्षक?
अरविंदभाई वाढेर देवली गांव के निवासी थे और वर्ष 2010 से शिक्षक के रूप में कार्यरत थे। हाल ही में उन्हें BLO का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया था। BLO का काम चुनावी प्रक्रिया से जुड़ा होता है, जिसमें मतदाता सूची का सत्यापन और अन्य प्रशासनिक कार्य शामिल हैं। इन अतिरिक्त जिम्मेदारियों ने उनके शिक्षण कार्य को प्रभावित किया और मानसिक दबाव को बढ़ा दिया।
शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न
इस घटना ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों का मूल कार्य बच्चों को पढ़ाना है, लेकिन उन्हें लगातार नॉन-एकेडमिक कार्यों में लगाया जा रहा है। BLO का काम विशेष रूप से समय और ऊर्जा की मांग करता है, जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है। वर्तमान स्थिति को लेकर शिक्षकों में गहरी नाराज़गी है। एक शिक्षक संघ के सदस्य ने टिप्पणी की – “आज हालत यह है कि बच्चे शिक्षक को ढूंढते हैं, शिक्षक वोटर को ढूंढते हैं और वोटर वोटर लिस्ट में नाम ढूंढते हैं।”
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लगातार हो रही दुखद घटनाएं
पिछले तीन दिनों में यह दूसरी घटना है जब BLO के काम के बोझ से किसी शिक्षक ने अपनी जान गंवाई है। लगातार दो मौतों ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। शिक्षक संघ और राजनीतिक दल प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए।

