Gujarat Plane Crash: ‘आंख खुली तो चारों ओर लाशें थीं…’ टेकऑफ के 30 सेकंड बाद धमाका… हादसे में बचे इकलौते शख्स की आंखों देखी कहानी

Aanchal Singh
Gujarat Plane Crash
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Gujarat Plane Crash: अहमदाबाद में गुरुवार (12 जून) को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में जहां कई लोगों की जान चली गई, वहीं 40 वर्षीय विश्वाश कुमार रमेश से जिंदा बचे। लंदन जा रही फ्लाइट में सवार 242 यात्रियों में से वे इकलौते हैं जो हादसे के बाद जीवित अवस्था में अस्पताल पहुंचे।

सिविल अस्पताल, असरवा के जनरल वार्ड में भर्ती विश्वाश ने कांपते हुए पत्रकारों को बताया, “टेकऑफ के करीब 30 सेकंड बाद जोरदार आवाज आई और फिर विमान ज़मीन से टकरा गया। सब कुछ इतना तेज़ हुआ कि कुछ समझ ही नहीं पाया। जब होश आया तो सिर्फ लाशें ही लाशें थीं… मैं डर गया और दौड़ने लगा।” उनके सीने, आंखों और पैरों में गंभीर चोटें हैं, लेकिन वे पूरी होश में हैं।

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भाई के साथ थे सफर पर, अब नहीं है कोई पता

आपको बता दे कि, विश्वाश कुमार रमेश ब्रिटिश नागरिक हैं और बीते कुछ दिनों से भारत में अपने परिवार से मिलने आए थे। हादसे के वक्त वे अपने भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ लंदन लौट रहे थे। उन्होंने बताया, “हम दीव घूमने गए थे। फ्लाइट में अजय मेरे साथ था लेकिन उसकी सीट अलग थी। अब उसका कोई पता नहीं… कृपया मेरी मदद कीजिए।”

फ्लाइट टेकऑफ के चंद मिनट में हादसा

यह फ्लाइट गुरुवार दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुई थी, लेकिन टेकऑफ के कुछ मिनट बाद ही क्रैश हो गई। विमान में 12 क्रू मेंबर्स समेत कुल 242 लोग सवार थे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे। हादसे के बाद चारों ओर मलबा और शव बिखरे पड़े थे।
हादसे के समय विश्वाश के पास जो बोर्डिंग पास था, वह अब भी उनके पास सुरक्षित है। वे इस दुर्घटना के इकलौते जीवित गवाह हैं। किसी ने उन्हें हादसे के बाद उठाकर एंबुलेंस में डाला और अस्पताल पहुंचाया। उनकी आंखों से देखा गया दृश्य ही अब इस भीषण हादसे की असली कहानी है।

चमत्कार से कम नहीं है विश्वाश की ज़िंदगी

विश्वाश कुमार रमेश का बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है। उनकी कहानी इस बात की गवाही है कि कैसे कुछ सेकंड्स में जिंदगी और मौत के बीच की रेखा मिट जाती है। इस हादसे ने देश को झकझोर कर रख दिया है और विश्वाश अब उस त्रासदी की जीती-जागती गवाही हैं।

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