Gupt Navratri 2025: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये गलतियां, जानें दिन तारीख और जरूरी नियम

सार्वजनिक नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि आती है और गुप्त नवरात्रि में आषाढ़ और माघ के महीने में पड़ती है। इसमें मां दुर्गा की साधना गोपनीय तरह से की जाती है।

Nivedita Kasaudhan
navratri 2025
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Gupt Navratri 2025: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है। लेकिन नवरात्रि को बेहद ही खास माना जाता है, जो कि साल में चार बार पड़ती है। जिसमें दो नवरात्रि सार्वजनिक होती है तो वही दो गुप्त नवरात्रि होती है।

सार्वजनिक नवरात्रि में शारदीय और चैत्र नवरात्रि आती है और गुप्त नवरात्रि में आषाढ़ और माघ के महीने में पड़ती है। इसमें मां दुर्गा की साधना गोपनीय तरह से की जाती है। पंचांग के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस महीने पड़ने वाली नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जा रहा है जो कि 26 जून दिन गुरुवार से आरंभ हो रही है, तो हम आपको गुप्त नवरात्रि से जुड़े जरूरी नियम बता रहे हैं, तो आइए जानते हैं।

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कलश स्थापना का मुहूर्त

navratri 2025
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गुप्त नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 45 से 7 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना का अभिजित मुहूर्त 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना की कुल अवधि 52 मिनट की होगी।

गुप्त नवरात्रि में ना करें ये गलतियां

तामसिक भोजन

आपको बता दें कि किसी भी नवरात्रि में गलती से भी मांस मदिरा और तामसिक भोजन का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दौरान तंत्र साधना होती है इसलिए पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इनके सेवन से जीवन के रोग, दरिद्रता और कष्ट आता है।

पवित्रता का ध्यान

गुप्त नवरात्रि के दौरान साफ सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। भूलकर भी गंदे व अपवित्र स्थान पर पूजा अर्चना नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक हानि उठानी पड़ सकती है।

अपशब्दों का प्रयोग

नवरात्रि के दौरान भूलकर भी क्रोध नहीं करना चाहिए इस समय वाणी की कटुता और अपशब्दों का प्रयोग करने से भी बचना चाहिए। इसके अलावा किसी का भी अपमान न करें, झूठ बोलने से बचें। वरना ​जीवनभर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

अनादर ना करें

गुप्त नवरात्रि के दिनों में पूजा की सामग्री और माता की प्रतिमा को गंदे हाथों से छूने से बचना चाहिए। ऐसा करने से माता रानी नाराज़ हो सकती है।

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