Guru Purnima 2025: सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या तिथि को बेहद ही खास माना गया है, जो कि हर माह में एक बार पड़ती है। पंचांग के अनुसार अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली पूर्णिमा को आषाढ़ पूर्णिमा कहा जाता है। यह तिथि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होती है।
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इस दिन पवित्र नदी में स्नान दान व पूजा पाठ करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण हो जाता है। आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा और व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इसी पावन दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने गुरु की पूजा करते हैं साथ ही उन्हें उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। ऐसे में हम आपको गुरु पूर्णिमा की तारीख और समय की जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
गुरु पूर्णिमा की तारीख

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि 9 जुलाई दिन बुधवार को रात करीब 1 बजकर 37 मिनट से आरंभ हो रही है जो कि 10 जुलाई दिन गुरुवार को रात 2 बजकर 6 मिनट तक रहेगी। वहीं पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 10 जुलाई को होगा। इसलिए इसी दिन गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन इंद्र और प्रजापति नाम के दो शुभ योग भी बन रहे हैं।
पूर्णिमा की पूजा का मुहूर्त
गुरु पूर्णिमा पर लोग अपने गुरु की पूजा करते हैं जिन लोगों का कोई गुरु नहीं है वे इस दिन भगवान को गुरु मानकर उनकी पूजा कर सकते हैं। गुरु पूर्णिमा पर पूजा के लिए दिनभर में चार शुभ मुहूर्त प्राप्त हो रहे हैं। गुरु पूर्णिमा सुबह 10 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। दोपहर 12 बजकर 32 मिनट से 2 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा आखिरी मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से 3 बजकर 52 मिनट तक रहेगा।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।

