Tejas Fighter Jet: भारतीय वायुसेना को स्वदेशी लड़ाकू ताकत मिलने की दिशा में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को अमेरिका की कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (GE) से तेजस फाइटर जेट के लिए चौथा इंजन मिल गया है। इस इंजन की डिलीवरी के साथ ही HAL अब नवंबर 2025 तक भारतीय वायुसेना को दो तेजस मार्क-1A लड़ाकू विमान सौंपने की तैयारी में है।
तेजस मार्क-1A: स्वदेशी क्षमता की उड़ान
तेजस का यह मार्क-1A वर्जन उसका एडवांस रूप है, जिसमें अपग्रेडेड एवियॉनिक्स, रडार सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर क्षमताएं शामिल हैं। यह सिंगल इंजन लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) हवा, जमीन और समुद्र में लक्ष्यों पर अचूक हमला करने में सक्षम है।मार्क-1A तेजस में 65% से अधिक स्वदेशी उपकरण लगाए गए हैं। इसमें रक्षा कवच, कंट्रोल एक्चुएटर जैसे कई अहम पुर्जे भारत में ही बने हैं। इसका निर्माण HAL कर रही है और इसे विकसित करने में DRDO और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) का सहयोग है।
2021 में 83 विमानों का ऑर्डर, 2028 तक पूरी डिलीवरी
सरकार ने फरवरी 2021 में HAL के साथ ₹48,000 करोड़ का करार कर 83 तेजस मार्क-1A फाइटर जेट का ऑर्डर दिया था। हालांकि, अमेरिकी इंजन की डिलीवरी में देरी के कारण अब तक कोई भी विमान वायुसेना को नहीं सौंपा गया था। अब चौथे इंजन की आपूर्ति के साथ ही HAL पहली बार दो विमान नवंबर 2025 तक सौंपने जा रहा है।उम्मीद है कि वर्ष 2028 तक सभी 83 विमान वायुसेना को सौंप दिए जाएंगे।
97 और तेजस फाइटर जेट का नया ऑर्डर
रक्षा मंत्रालय ने 25 सितंबर 2025 को HAL को अतिरिक्त 97 तेजस मार्क-1A फाइटर जेट का नया ऑर्डर दिया है। इस डील की कुल कीमत ₹62,370 करोड़ है। इस ऑर्डर के साथ अब HAL को कुल 180 तेजस मार्क-1A फाइटर जेट तैयार करने हैं। इन विमानों को खासतौर पर मिग-21 के रिटायरमेंट के बाद उसकी जगह भरने के लिए लाया जा रहा है। इन्हें राजस्थान के बीकानेर के नाल एयरबेस पर तैनात किया जाएगा।तेजस की ताकत को खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी करीब से देख चुके हैं। 25 नवंबर 2022 को उन्होंने बेंगलुरु में HAL परिसर से तेजस विमान में उड़ान भरी थी। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली फाइटर जेट उड़ान थी।
