Hamas Warning: हथियार डालने का सवाल ही नहीं, हमास ने स्वतंत्र फिलिस्तीन के लिए युद्ध जारी रखने की चेतावनी दी

Chandan Das
Hamas Warning: हथियार डालने का सवाल ही नहीं, हमास ने स्वतंत्र फिलिस्तीन के लिए युद्ध जारी रखने की चेतावनी दी

Hamas Warning: हमास और इजरायल के बीच युद्धविराम के सभी दरवाज़े एक-एक करके बंद होते जा रहे हैं। हमास ने इज़राइल द्वारा दिए गए 60-दिवसीय युद्धविराम प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। गाज़ा स्थित सशस्त्र संगठन ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं हो जाती, हमास हथियार नहीं डालेगा।

हमास ने जारी किया बयान

हमास ने हाल ही में इस मुद्दे पर एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया “हम सशस्त्र प्रतिरोध का अधिकार तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि यरुशलम को अपनी राजधानी बनाकर एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना नहीं हो जाती।” हमास का यह बयान ऐसे समय में आया है जब कतर फ्रांस और मिस्र की मध्यस्थता में चल रही युद्धविराम वार्ता समाप्त हो गई है। जहां यह प्रस्ताव रखा गया था कि इन दोनों क्षेत्रों में द्वि-राज्य समाधान अपनाकर समस्या का शांतिपूर्ण समाधान किया जाए। बदले में हमास पूरी तरह से हथियार डाल देगा। हालांकि युद्धविराम का प्रयास पूरी तरह से शीत युद्ध में बदल गया क्योंकि हमास ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।

हमास के सामने दो प्रस्ताव

इस बीच इजरायल ने युद्धविराम के लिए हमास के सामने दो प्रस्ताव रखे हैं। जिसमें सभी बंधकों को तुरंत रिहा करना और हमास को अपने हथियार डालने होंगे। हालांकि हमास इन शर्तों को मानने को तैयार नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार, हमास ने माँग की कि तेल अवीव से स्थायी युद्धविराम के वादे के बिना वे सभी इजरायली बंधकों को एकतरफा रिहा न करें। हमास का आरोप है कि अमेरिका युद्ध जारी रखने के लिए इजरायल का समर्थन कर रहा है। हमास की अड़ियल मानसिकता को देखते हुए, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पहले ही गाजा के एक हिस्से पर कब्ज़ा करने की चेतावनी दे चुके हैं।

अब तक 60,000 से ज़्यादा की मौत

इस बीच दो साल से भी ज़्यादा समय से चल रहे इस घातक युद्ध में अब तक 60,000 से ज़्यादा लोग मारे जा चुके हैं। गोलीबारी के अलावा, महिलाएँ और बच्चे भूख से मर रहे हैं। गाजा में इजरायल की घोर अमानवीयता से कई यूरोपीय देश नाराज हैं। अंतर्राष्ट्रीय दबाव में इजरायल ने पहले ही गाजा की भूख से मर रही आबादी की मदद के लिए विदेशी सहायता की अनुमति दे दी है। फ्रांस और ब्रिटेन समेत कई देशों ने संयुक्त राष्ट्र को फ़िलिस्तीन को राज्य का दर्जा देने का संदेश भेजा है। कुल मिलाकर इस लंबे युद्ध में इज़राइल कुछ दबाव में है।

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