हस्तशिल्प पुरस्कार 2025: भारतीय हस्तकला को सम्मान, छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिराबाई झरेका बघेल का विशेष रूप से गौरव

Editor
By Editor

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 9 दिसंबर 2025 को करेंगी हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान

नई दिल्ली / रायपुर
कपड़ा मंत्रालय 9 दिसंबर 2025, मंगलवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले हस्तशिल्प पुरस्कार 2025 के माध्यम से वर्ष 2023 और 2024 के विशिष्ट शिल्पियों को सम्मानित करेगा। इस वर्ष के समारोह में छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सुश्री हिराबाई झरेका बघेल को विशेष रूप से रेखांकित किया जा रहा है, जिन्हें जगदलपुर से धातुकला (बेल मेटल) में अद्वितीय कौशल के लिए सम्मानित किया जा रहा है।

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू होंगी। केंद्रीय कपड़ा मंत्री श्री गिरिराज सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे तथा कपड़ा एवं विदेश राज्य मंत्री श्री पबित्रा मरगेरीटा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।

राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कारों की स्थापना 1965 में हुई थी, जिनका उद्देश्य उन उत्कृष्ट शिल्पियों को पहचान देना है जिनके अद्वितीय कौशल ने देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया है। “शिल्प गुरु” पुरस्कार, जो 2002 में आरंभ किए गए, हस्तशिल्प क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान हैं और उन शिल्प गुरुओं को प्रदान किए जाते हैं जिन्होंने परंपरागत कला में असाधारण निपुणता, नवाचार और संरक्षण का परिचय दिया है।
यह समारोह राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह (8 से 14 दिसंबर) का प्रमुख आकर्षण है। इस दौरान देशभर में विविध गतिविधियाँ—हस्तकला प्रदर्शनी, विषयगत कार्यशालाएँ, क्षमता-वृद्धि कार्यक्रम, शिल्प प्रदर्शन, पैनल चर्चा, जन-जागरूकता पहल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों—का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य हस्तशिल्प की सामाजिक-आर्थिक महत्ता को बढ़ाना है।

भारत का हस्तशिल्प क्षेत्र न केवल सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण संरक्षक है, बल्कि ग्रामीण व अर्धशहरी क्षेत्रों में करोड़ों लोगों की आजीविका का आधार भी है। कपड़ा मंत्रालय शिल्पियों को पहचान, कौशल विकास, तकनीकी सहयोग, वित्तीय सशक्तिकरण और बाजार उपलब्धता जैसे उपायों के माध्यम से निरंतर समर्थन प्रदान कर रहा है। हस्तशिल्प पुरस्कार और राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह जैसे आयोजनों के माध्यम से सरकार का उद्देश्य भारत की समृद्ध शिल्प विरासत को सुदृढ़ करना और शिल्प समुदायों को सशक्त बनाना है।

Share This Article

अपना शहर चुनें

Exit mobile version