Haryana Weather: हरियाणा इस बार मानसून में रिकॉर्डतोड़ बारिश झेल रहा है। 1 जून से 10 सितंबर तक प्रदेश में 565.3 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जबकि औसत सामान्य वर्षा 385 मिमी होती है। यानी राज्य में सामान्य से 44% अधिक बारिश हो चुकी है। कुछ दिन पहले यह अंतर 48% तक पहुंच गया था, लेकिन बीते तीन दिनों से बारिश कम होने के कारण यह आंकड़ा थोड़ा नीचे आया है। इस बार की अधिक बारिश ने राज्य के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर दिए हैं।
Read more: Faridabad: AC में हुए ब्लास्ट ने निगल ली 3 जिंदगी,पति-पत्नी और बेटी की धुएं में दम घुटने से मौत
नदियों और ड्रेनों से फैली बाढ़

हरियाणा में न केवल बारिश, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों से बहकर आया पानी भी संकट का कारण बना है। अंबाला जिले में घग्गर, मारकंडा, टांगरी और राक्षी नदियों के उफान पर आने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। वहीं, सिरसा जिले में घग्गर नदी और वर्षा जल के कारण राजस्थान की ओर बहाव तेज हुआ है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है। इसके अलावा हिसार और भिवानी जैसे जिलों में ड्रेनों के टूटने से हालात और भी बिगड़ गए हैं। हिसार की घग्गर ड्रेन, जिसे इलाके की “लाइफ लाइन” माना जाता है, उसमें क्षमता से दोगुना – लगभग 800 क्यूसिक पानी बह रहा है। यह ड्रेन पिछले कुछ दिनों में सात गांवों में 15 बार टूट चुकी है, जिससे खेतों और गांवों में पानी भर गया है।
शहरी क्षेत्र भी प्रभावित
गुरुग्राम, फरीदाबाद, और सोनीपत जैसे शहरों में जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गुरुग्राम में 618.7 मिमी और फरीदाबाद में 558.1 मिमी बारिश हुई, जो पिछले तीन सालों की तुलना में काफी अधिक है। फरीदाबाद में यमुना नदी के उफान के कारण तटवर्ती गांवों में तबाही का मंजर देखने को मिला।
गुरुग्राम में हालात इतने गंभीर हो गए कि हाईवे पर लोगों को 15 घंटे से भी ज्यादा समय तक ट्रैफिक जाम में फंसे रहना पड़ा। वहीं, द्वारका एक्सप्रेसवे के किनारे बनी कई हाउसिंग सोसायटीज़ में साहबी नदी का पानी घुस गया, जिससे लोगों को अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा। कई लोग किराए के मकानों में रहने को मजबूर हो गए हैं।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने 13 सितंबर तक करनाल, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिलों में फिर से भारी बारिश की संभावना जताई है। इससे पहले से जलमग्न इलाकों में स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।
12 से ज्यादा जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति
प्रदेश के 12 से अधिक जिले बाढ़ की चपेट में हैं। ग्रामीण इलाकों में खेतों में पानी भर गया है, जिससे फसलों को नुकसान हो रहा है। हांसी और बरवाला में माइनरों के टूटने और लगातार बारिश से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
हरियाणा में इस बार का मानसून राहत की बजाय आफत बनकर आया है। भारी बारिश, नदियों का उफान और ड्रेनों की बिगड़ती स्थिति ने जनजीवन को प्रभावित किया है। आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन और आम जनता को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

