Krishna Janmabhoomi: मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को अहम सुनवाई हुई। सुनवाई करीब डेढ़ घंटे तक चली और इसमें मुख्य रूप से सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल अमेंडमेंट एप्लीकेशन पर चर्चा हुई। मामले में एएसआई की ओर से जवाब दाखिल करने की प्रक्रिया भी अगली सुनवाई में पूरी होगी।
पक्षकारों की प्रस्तुतियां
मंदिर पक्ष की ओर से माता रुक्मिणी देवी की वंशज नीतू चौहान ने रिज्वाइंडर एफीडेविट दाखिल किया। वहीं, सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से अमेंडमेंट एप्लीकेशन पर कोर्ट में बहस हुई। केस से जुड़े अधिवक्ता डॉ. ए पी सिंह ने बताया कि अगली सुनवाई के बाद अदालत सुनवाई के बिंदु तय कर सकती है।
अगली सुनवाई की तारीख
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 12 दिसंबर 2025 नियत की है। सुनवाई दोपहर 2:00 बजे जस्टिस अवनीश सक्सेना की सिंगल बेंच के समक्ष होगी। इस सुनवाई में एएसआई का जवाब और बाकी प्रक्रियाएं पूरी होंगी।
मामले का इतिहास
मथुरा विवाद से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई अक्टूबर 2023 से चल रही है। इन याचिकाओं में मुख्य रूप से यह दावा किया गया है कि शाही ईदगाह मस्जिद जमीन पर अतिक्रमण कर रही है और मंदिर पक्ष को जमीन का कब्जा सौंपा जाना चाहिए।इससे जुड़ी 18 सिविल वाद दायर किए गए हैं, जिनमें शामिल हैं: मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग,स्थाई निषेधाज्ञा जारी करने की मांग,इलाहाबाद हाईकोर्ट की भूमिका, हाईकोर्ट इस मामले में अयोध्या विवाद की तर्ज पर सीधे मुकदमे की सुनवाई कर रहा है। अदालत सभी पक्षों की दलीलों को सुनकर न्यायिक फैसला देने की प्रक्रिया में है।
विशेषज्ञों का कहना है कि मथुरा मामले में अदालत की सुनवाई सावधानीपूर्वक और व्यापक दृष्टिकोण से होगी। मंदिर और मस्जिद दोनों पक्षों की सांप्रदायिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए अदालत निष्पक्ष निर्णय करेगी।मथुरा के इस विवाद ने पूरे देश का ध्यान खींचा हुआ है। अगली सुनवाई 12 दिसंबर को होगी, और तब अदालत संभवतः सुनवाई के आगे के बिंदु तय करेगी। यह मामला अयोध्या विवाद की तरह ही संवेदनशील और ऐतिहासिक महत्व का है, जिससे धर्म और कानून के बीच संतुलन बनाना अदालत के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
