Health Tips: सर्दी-खांसी में क्यों बैठ जाती है आवाज? जानिए इसके पीछे का कारण…

सर्दी-जुकाम के दौरान अक्सर देखा जाता है कि हमारी आवाज अचानक भारी, कर्कश या बदली-बदली सी हो जाती है। यह सामान्य लगने वाली परेशानी दरअसल हमारे शरीर के भीतर हो रहे कई बदलावों का रिजल्ट होती है।

Neha Mishra
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Health Tips: सर्दी-जुकाम के दौरान अक्सर देखा जाता है कि हमारी आवाज अचानक भारी, कर्कश या बदली-बदली सी हो जाती है। यह सामान्य लगने वाली परेशानी दरअसल हमारे शरीर के भीतर हो रहे कई बदलावों का रिजल्ट होती है। आइए जानते हैं कि आखिर सर्दी-खांसी में गला क्यों बैठ जाता है और इससे राहत कैसे पाई जा सकती है।

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गले की सूजन है मुख्य कारण

जब शरीर सर्दी या वायरल इंफेक्शन की चपेट में आता है, तो इसका असर केवल नाक या गले तक सीमित नहीं रहता। आवाज निकालने वाली वोकल कॉर्ड्स (स्वर-तंत्रिकाएं) भी इससे प्रभावित होती हैं। ये स्वर-तंत्रिकाएं गले में स्थित होती हैं और जब हवा इनके बीच से गुजरती है तो ये कंपन करती हैं, जिससे आवाज बनती है। लेकिन सर्दी या इंफेक्शन के कारण जब इनमें सूजन आ जाती है, जिसे चिकित्सकीय रूप से लैरिंजाइटिस (Laryngitis) कहा जाता है, तो स्वर-तंत्रिकाएं मोटी हो जाती हैं और उनका कंपन धीमा पड़ जाता है।

बलगम से नुकसान…

सर्दी के दौरान गले में जमा होने वाला म्यूकस (बलगम) भी आवाज को प्रभावित करता है। बलगम की मोटी परत स्वर-तंत्रिकाओं पर जम जाती है, जिससे वे पूरी तरह कंपन नहीं कर पातीं। इसी वजह से आवाज में खराश या कर्कशता महसूस होती है। यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब सर्दी खत्म होने के बाद भी गले में म्यूकस बना रहता है, जिससे आवाज को सामान्य होने में समय लग सकता है।

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बार-बार खांसने से बढ़ती है दिक्कत

जब गला खराब होता है, तो अक्सर लोग गला साफ करने या बार-बार खांसने की कोशिश करते हैं। लेकिन यह आदत नुकसानदेह हो सकती है क्योंकि इससे वोकल कॉर्ड्स पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। लगातार खांसने या गला रगड़ने से स्वर-तंत्रिकाएं और अधिक थक जाती हैं, जिससे आवाज पूरी तरह बैठ जाती है या फटी हुई लगने लगती है।

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आवाज क्यों हो जाती है भारी और गहरी?

आवाज क्यों हो जाती है भारी और गहरी?

जब स्वर-तंत्रिकाओं में सूजन आ जाती है, तो उनका आकार बढ़ जाता है। यह प्रक्रिया कुछ वैसी ही होती है जैसे किसी वाद्ययंत्र की मोटी तार से गहरी आवाज निकलती है। स्वर-तंत्रिकाओं के भारी होने से उनका कंपन धीमा हो जाता है, जिससे आवाज की पिच कम हो जाती है और आवाज भारी या गहरी सुनाई देती है।

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 घरेलू उपायों से मिलेगा आराम

 घरेलू उपायों से मिलेगा आराम
घरेलू उपायों से मिलेगा आराम
  • दिनभर पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पिएं।
  • कमरे में ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें ताकि वातावरण में नमी बनी रहे और गला सूखने न पाए।
  • गले को पूरा आराम दें — कम बोलें और फुसफुसाने से बचें क्योंकि यह भी वोकल कॉर्ड्स को थका देता है।
  • भाप लें ताकि गले की सूजन कम हो और बलगम पतला हो सके।
  • बहुत ठंडी या बहुत गर्म चीजों के सेवन से परहेज करें।
  • यदि दो से तीन हफ्तों में भी आवाज सामान्य नहीं होती, तो डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि यह वोकल कॉर्ड्स पर गांठ या एसिड रिफ्लक्स जैसी समस्या का संकेत हो सकता है।

 

 

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