लखनऊ संवाददाता :MOHD KALEEM
लखनऊ: राजधानी लखनऊ की सड़कों पर आरटीओ और परिवहन विभाग को आंखों के सामने बिना रजिस्ट्रेशन और बिना फिटनेस के शव वाहन सड़कों पर फर्राटा भरते नजर आ रहे है, लेकिन जिम्मेदार की आंख पूरी तरह बंद या फिर यूं कहा जाए कोई भी जिम्मेदार ए सी के कमरे से निकलना नहीं चाहता है । जिसका पूरा फायदा यह कॉन्टम हो चुके शव वाहन लोगों से मोटी रकम वसूलने के साथ हादसे को दावत देते नजर आ रहे हैं।

सुरक्षित घर पहुंचाएगी?

प्राइम टीवी की टीम आज सकड़ों पर खड़े शव वाहनों के फिटनेस और रजिस्ट्रेशन को परखने के लिए अस्पतालों और उसके आस की जगहों पर पहुंची है। जहां पर देखा गया की सड़कों पर शव वाहन खड़े होकर अस्पतालों से निकलने वाले शव का इंतजार कर रही है,लेकिन यह गाडियां शव को अपने वाहन में ले जाने के साथ उसमे बैठने वाले लोगों को क्या सुरक्षित घर पहुंचाएगी ये ,अपने आप में एक सवाल खड़ा करती है।
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हादसे को न्योता दे रहा वाहन

राजधानी लखनऊ में लगभग हजार से अधिक शव ले जाने वाली गाड़ियां दौड़ रही हैं। यह गाडियां ज्यादातर हर सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के बाहर नजर आएंगी, लेकिन उसमे कितनी गाडियां सड़कों पर चलने लायक नहीं हैं उसका किसी को कोई लेना देना नहीं है। वहीं पोस्टमार्टम हाउस के बाहर जब हमारी टीम पहुंची तो देखा गया वहां पर भी एक कांटम हो चुका वाहन शव को लेकर पहुंचा हुआ है। इस वाहन पर लखनऊ का नंबर रजिस्ट्रेशन हैं, लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन और फिटनेस कब का खत्म हो चुका है इसका किसी को आभास भी नहीं है। ये गाड़ी कब किस हादसे का शिकार हो जाए इसका भी किसी को कोई अंदाजा नहीं है।
RTO का दावा

अब बात करते हैं आरटीओ कार्यालय से मिली जानकारी की आरटीओ कार्यालय में बैठे अखिलेश द्रिवेदी ने जानकारी दी की उनके कार्यालय में 130 के लगभग शव वाहनों का रजिस्ट्रेशन हैं। जबकि लगभग 58 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका है जिनको उनकी ओर से नोटिस भी दिया गया है, वहीं आरटीओ कार्यालय के सूत्रों का कहना है इस कार्यालय में लगभग 500 के करीब गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन है ।जबकि 200 से अधिक गाडियां बिना रजिस्ट्रेशन के सड़कों पर दौड़ रही हैं ।अब सवाल उठता हैं अगर इन गाड़ियों से कोई हादसा होता है तो उसका जिम्मेदार आखिर कौन होगा।।