Uttarakhand Helicopter Emergency Landing: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में उस समय हड़कंप मच गया जब केदारनाथ धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर अचानक हाईवे पर उतारना पड़ा। जानकारी के अनुसार, क्रेस्टेल एविएशन प्राइवेट लिमिटेड का यह हेलीकॉप्टर फाटा बड़ासू के पास हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग के लिए मजबूर हुआ। हेलीकॉप्टर में सवार सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं। लैंडिंग के दौरान एक वाहन क्षतिग्रस्त हुआ, लेकिन जान-माल की बड़ी क्षति नहीं हुई।
Read More: Chardham Yatra 2025: केदारनाथ-यमुनोत्री में रिकॉर्ड तोड़ दर्शनार्थी…श्रद्धालुओं ने रचा नया कीर्तिमान
DGCA को दी गई पूरी जानकारी, UCADA ने की पुष्टि
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) ने इस मामले की जानकारी नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को भेज दी है। बताया गया कि लैंडिंग पूर्ण रूप से एहतियातन की गई और बाकी शटल ऑपरेशन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी हैं। UCADA के अनुसार, यह एक तकनीकी आपात स्थिति थी, जिसमें पायलट ने सूझबूझ से काम लिया।
उड़ान के तुरंत बाद तकनीकी खराबी का संकेत मिला
हेलीकॉप्टर ने जैसे ही सिरसी हेलीपैड से उड़ान भरी, पायलट को तकनीकी खराबी का संकेत मिला। इसके बाद पायलट ने स्थिति को भांपते हुए बिना देरी किए, नजदीकी सड़क पर हेलीकॉप्टर को सुरक्षित उतार लिया। सड़क पर अचानक हेलीकॉप्टर को उतरते देख स्थानीय लोग भी दहशत में आ गए थे।
हेलीकॉप्टर में कुल 7 लोग सवार, एक को मामूली चोट
हेलीकॉप्टर में कुल 7 लोग सवार थे, जिनमें पायलट, को-पायलट और 5 श्रद्धालु शामिल थे। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। को-पायलट को हल्की चोटें आईं, जिन्हें मौके पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया।
इससे पहले भी हो चुके हैं हादसे, सुरक्षा पर उठते सवाल
यह कोई पहली घटना नहीं है। मई 2025 में केदारनाथ धाम में एक हेली एम्बुलेंस की लैंडिंग के दौरान हादसा हुआ था। वह एम्बुलेंस ऋषिकेश एम्स से रवाना हुई थी। इससे पहले, 8 मई को गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर भी तकनीकी खराबी के चलते दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी। इन लगातार हो रही घटनाओं ने हेलीकॉप्टर सेवाओं की सुरक्षा और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रुद्रप्रयाग में हुई इस इमरजेंसी लैंडिंग ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा टल सकता है। हालांकि, इन लगातार हो रही घटनाओं को देखते हुए जरूरी है कि हेली सेवाओं की तकनीकी जांच, उड़ान पूर्व परीक्षण और सुरक्षा मानकों को और मजबूत किया जाए।