Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में राहत कार्य जारी! डेजी गांव तक पहुंचा बचाव दल, जानें कितनों को निकाला सुरक्षित?

Neha Mishra
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Himachal Cloudburst: हिमाचल प्रदेश में 30 जून को हुए भीषण आपदा के चलते अभी भी काफी समस्याओँ का सामना करना पड़ रहा है, इसके साथ ही बता दें कि बहुत से क्षेत्र ऐसे भी थे जो कि, बुरी तरह से प्रभावित हुए थे इनमें मंडी जिला भी शामिल है। आपको बता दें कि, मंडी जिले के सराज क्षेत्र के अति दुर्गम पियाला डेजी गांव तक बचाव दल ने पहुंचने में सफलता प्राप्त कर ली है।

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65 लोगों को निकाला गया सुरक्षित…

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी की (एनडीआरएफ) की टीम ने डेजी के साथ-साथ अन्य गांवों से 65 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। डीसी अपूर्व देवगन का कहना है कि भारी बारिश व भूस्खलन की वजह से थुनाग के समेत अन्य ग्रामीण इलाकों में संपर्क मार्ग बाधित होने से यहां फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए एनडीआरएफ के सहयोग से स्थानीय प्रशासन ने विशेष अभियान चलाया।

आपको बता दें कि, तकरीबन 65 लोगों को सुरक्षित निकालने के बाद अब उन्हें उनकी जरूरत की सभी चीजें भी मुहैया कराई जा रही हैं। उपायुक्त का कहना है कि, रूकचूल, भराड़ व पियाला डेजी क्षेत्रों का यहां से काफी दूरी होने के वहां तक पहुंचने में काफी कठिनाई देखने को मिल रही है। इसके लिए सभी संबंधित विभागों, स्वयंसेवियों व स्थानीय लोगों का सराहनीय सहयोग निरंतर बना हुआ है।

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30 जून को हुआ था ये भीषण आपदा…

आपको बता दें कि, सराज क्षेत्र में आई भीषण आपदा के चलते 38 पंचायतें पूरी तरह से बाकी क्षेत्रों से कट गई हैं। 30 जून की रात मची तबाही से मंडी जिले में अब तक 16 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 55 लोग अभी भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। सराज घाटी की करीब 80,000 की आबादी इस संकट से गहरे प्रभावित है।

शुक्रवार सुबह का हाल जानिए…

राज्य भर में हालात गंभीर बने हुए हैं। शुक्रवार सुबह 10 बजे तक कुल 280 सड़कों पर यातायात पूरी तरह बाधित था। इसके अलावा, 332 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 784 पेयजल योजनाएं भी प्रभावित हैं। सबसे ज्यादा असर मंडी जिले में देखा गया है, जहां 156 सड़कें बंद पड़ी हैं। सिरमौर में 49, कुल्लू में 36 और शिमला जिले में 19 सड़कें ठप हैं।

मंडी के साथ अन्य इलाके भी प्रभावित…

बताते चलें कि, मंडी जिले के साथ-साथ अब उपमंडल जोगिंद्रनगर के ग्रामीण इलाके मे भी खतरा देखने को मिल रहा है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े भूस्खलन के आसार को देखतो हुए जोगिंद्रनगर प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने के आदेश पंचायत प्रतिनिधियों ,खंड विकास अधिकारी जारी कर दिया है।

बताते चलें कि, टिकरी मुशैहरा पंचायत के दुर्गम और ऊंचाई वाले क्षेत्र निक्का ठाणा और बुहला मंरोला गांव में पत्थर गिरने व पहाड़ी दरकने के आसार को देखते हुए 5 परिवारों के 47 से अधिक सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बता दें कि, 120 मवेशियों के साथ रह रहें भेड़ पालकों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करने को भी कहा गया है।

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ठाणा और बुहला मंरोला इलाकें में गिरे पत्थर…

आपको बता दें कि, शुक्रवार की सुबह-सुबह ठाणा और बुहला मंरोला की पहाड़ी में पत्थर गिरे जिसके कारण लोगो में डर का माहौल बना हुआ है। पंचायत प्रधान रवींद्र का कहना है कि 15 के 47 से अधिक सदस्यों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करने की कार्रवाई की शुरुआत कर दी गई है। इसी के साथ-साथ तहसीलदार जोगिंद्रनगर डाॅ. मुकुल अनिल शर्मा ने बताया कि मानसून सीजन में भूस्खलन से संभावित क्षेत्रों से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करने करने के आदेश स्थानीय प्रशासन ने जारी किए हैं। 

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