Himachal Disaster: हिमाचल में कुदरत का कहर, बाढ़ और भूस्खलन से 400 से ज्यादा मौतें

Nivedita Kasaudhan
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Himachal Disaster: हिमाचल प्रदेश इस बार मानसून की भीषण मार झेल रहा है। 20 जून से शुरू हुई मूसलाधार बारिश और उससे जुड़े हादसों ने पूरे राज्य में तबाही मचा दी है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 404 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 229 मौतें बारिश से संबंधित घटनाओं (जैसे भूस्खलन, अचानक बाढ़, डूबने, बिजली गिरने और मकान गिरने) से हुई हैं, जबकि 175 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई है।

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मंडी, कांगड़ा, कुल्लू में सबसे ज्यादा जानें गईं

 जिला वार मौतों के आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं। मंडी जिले में सबसे अधिक 37 मौतें हुई हैं, इसके बाद कांगड़ा में 34, कुल्लू में 31, चंबा में 28 और शिमला में 23 लोगों की जान गई। सड़क दुर्घटनाओं की बात करें तो मंडी और सोलन दोनों में 24-24 लोगों की जान गई, वहीं चंबा में 22 और कांगड़ा में 21 लोगों की मौत दर्ज की गई।

सड़क, बिजली और जल आपूर्ति पर भारी असर

लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य के बुनियादी ढांचे पर बड़ा प्रभाव पड़ा है। बीते 24 घंटों में ही 647 सड़कें, 343 जलापूर्ति योजनाएं और 185 वितरण ट्रांसफार्मर (DTR) बाधित हुए हैं। फिसलन भरी सड़कों, अवरुद्ध राजमार्गों और अस्थिर ढलानों के कारण यातायात व्यवस्था लगभग ठप हो गई है।

4,489 करोड़ रुपये का अनुमानित आर्थिक नुकसान

SDMA की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक राज्य को कुल 4,489 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हो चुका है। सबसे अधिक नुकसान सार्वजनिक संपत्तियों को हुआ है, जिनमें सड़कें, पेयजल आपूर्ति, बिजली व्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास क्षेत्र शामिल हैं।

इसके अलावा, आवासीय संपत्तियों को भी भारी क्षति पहुंची है। राज्य भर में 1,616 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं जबकि 8,278 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

कृषि और पशुपालन क्षेत्र भी प्रभावित

मानसून की तबाही से राज्य की कृषि व्यवस्था को भी भारी नुकसान हुआ है। लगभग 29,000 हेक्टेयर में फैली फसलें नष्ट हो चुकी हैं, जबकि 1.38 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी को नुकसान पहुंचा है। पशुपालन क्षेत्र में 2,094 मवेशियों और 26,955 मुर्गी-पक्षियों की मृत्यु हुई है।

राहत और पुनर्निर्माण कार्य जारी

राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से राहत कार्य तेजी से जारी हैं। पुनर्निर्माण दल बाधित सड़कों, जलापूर्ति योजनाओं और ट्रांसफार्मरों की मरम्मत में जुटे हैं। बार-बार हो रहे भूस्खलन और बारिश के कारण कार्यों की गति धीमी है। प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने और आवश्यक सेवाओं की बहाली के प्रयास भी चल रहे हैं।

जनता से सतर्क रहने की अपील

प्रशासन ने राज्य के निवासियों से सतर्क रहने की अपील की है और अनावश्यक यात्रा से बचने को कहा है, विशेषकर भूस्खलन-प्रवण इलाकों में। आगामी दिनों में फिर से बारिश के नए दौर की संभावना है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने लिया हालात का जायज़ा

रविवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने मंडी और कुल्लू के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और नुकसान का आकलन किया। इस दौरान हिमाचल विधानसभा में विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर भी उनके साथ मौजूद रहे।

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