Himachal Flood: हिमाचल प्रदेश के मंड़ी से सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत इस समय विवादों में घिरी हुई हैं। पिछले कुछ दिनों से राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाएँ आई हैं, जिनसे लोगों को भारी नुकसान हुआ है। इस आपदा पर कंगना की चुप्पी ने लोगों को नाराज कर दिया, क्योंकि उन्होंने इस गंभीर स्थिति पर कोई भी सार्वजनिक बयान नहीं दिया था।
कंगना की चुप्पी पर उठे सवाल
आपको बता दे कि, हिमाचल प्रदेश में आई आपदा को इस सदी की सबसे भीषण आपदाओं में से एक माना जा रहा है। राज्य के सराज, थनाग, जंजैहली और मंड़ी के क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। इन इलाकों में लोग अपने घरों से बेघर हो गए हैं और कई परिवारों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है। इन हालातों में लोगों ने राज्य सरकार और अन्य स्थानीय नेताओं से मदद की गुहार लगाई, मंडी से सांसद कंगना रनौत की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
जनता और विपक्ष ने की कंगना की आलोचना
कंगना के इस चुप्पी पर सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे थे। आम जनता के साथ-साथ विपक्षी नेताओं ने भी उन्हें घेरा और कंगना पर आरोप लगाए कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ लिया है। जबकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुके अग्निहोत्री जैसे राज्य के प्रमुख नेता आपदा के प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए सक्रिय रूप से जुटे हुए थे, कंगना की गैरमौजूदगी ने लोगों की भावनाओं को आहत किया।
कंगना ने इंस्टाग्राम पर शेयर की स्टोरी
कंगना की चुप्पी के बाद अब उन्होंने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक स्टोरी शेयर की, जिसमें उन्होंने कहा, “मैं जल्द ही हिमाचल प्रदेश जा रही हूं। वहां आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करूंगी। कृपया निश्चिंत रहें, मैं हर परिस्थिति में हिमाचल प्रदेश के साथ हूं। जय हिंद।” इस पोस्ट के बाद भी लोगों का गुस्सा शांत होता नहीं दिखाई दे रहा है।
चुनाव में किए गए वादे अब सवालों के घेरे में
कंगना के इस बयान के बाद भी जनता में असंतोष बना हुआ है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि जब हिमाचल के लोग मलबे में दबे हुए थे, उनके घर उजड़ गए थे और परिवार बह गए थे, तब कंगना कहां थीं? कंगना ने चुनाव के दौरान खुद को “हिमाचल की बेटी” बताया था, लेकिन अब आपदा के समय वे अपने क्षेत्र के लोगों के बीच कहीं दिखाई नहीं दीं। जनता का कहना है कि कंगना को अपने क्षेत्र के लिए अधिक सक्रिय और जिम्मेदार होना चाहिए था।
CM और अन्य नेताओं के सक्रिय राहत कार्य की सराहना
आपदा के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुके अग्निहोत्री समेत अन्य मंत्री राहत और बचाव कार्यों में लगे हुए थे। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में स्वयं जाकर लोगों को मदद दी और आवश्यक राहत सामग्री पहुंचाई। वहीं, कंगना की अनुपस्थिति ने मंड़ी जिले की जनता के बीच निराशा और गुस्से को बढ़ा दिया है, क्योंकि वे इस मुश्किल समय में अपनी सांसद से उम्मीदें रख रहे थे।

