Himachal Landslide: हिमाचल प्रदेश में मानसून के चलते तेज बारिश से हालात बेहद ही खराब होते दिखाई दे रहे हैं। नदियाँ उफान पर हैं और जगह-जगह भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य की सड़कें, बिजली और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर हैं और प्रशासन पूरी तरह राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है।
मौतों का आंकड़े
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 20 जून 2025 से मानसून शुरू होने के बाद से अब तक 320 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 166 लोगों की मौत भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और बिजली गिरने जैसी आपदाओं में हुई है, जबकि 154 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए। मौतों के इस बढ़ते मामले से लोगों में चिंता का भाव आ गया है।
बुनियादी ढाँचे पर बड़ा असर

लगातार बारिश और भूस्खलन की वजह से राज्य का बुनियादी ढाँचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 30 अगस्त 2025 की शाम तक 839 सड़कें, 728 बिजली ट्रांसफार्मर और 456 जलापूर्ति योजनाएँ बंद पड़ी थीं। इसके अलावा, तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर भी यातायात पूरी तरह से ठप है। इससे स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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मुख्यमंत्री का हवाई सर्वेक्षण
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चंबा जिले के भरमौर क्षेत्र में भूस्खलन प्रभावित इलाकों और कांगड़ा जिले के इंदौरा व फतेहपुर में बाढ़ प्रभावित स्थानों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इसके अलावा, प्रशासन ने पैदल यात्रा कर रहे युवाओं के मार्ग को भी सुरक्षित बनाने के लिए विशेष इंतज़ाम किए हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
प्रदेश सरकार और आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि बंद सड़कों को जल्द से जल्द खोला जाए ताकि फंसे हुए लोगों को राहत मिल सके। हालांकि, खराब मौसम और लगातार बारिश के चलते यह कार्य आसान नहीं हो रहा है।
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हवाई मार्ग से मदद की संभावना

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो तीर्थयात्रियों और प्रभावित लोगों को छोटे हेलीकॉप्टरों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि किसी भी व्यक्ति को असुरक्षित स्थिति में नहीं छोड़ा जाएगा।
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2023 की बाढ़ से कम नुकसान
मुख्यमंत्री सुक्खू का ये भी कहना है कि साल 2023 की तुलना में इस बार जान-माल का नुकसान कम हुआ है। इसके बावजूद भी बहुत नुकसान के आसार जताए गए हैं। साथ ही अभी भी लगातार बारिश का कहर जारी है।
