Himachal Landslide: हमीरपुर के चबूतरा गांव में जमीन धंसी, 5 परिवार बेघर और खतरे में 20 मकान

Aanchal Singh
Himachal Landslide
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Himachal Landslide: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले में भारी बारिश ने कहर बरपाया है। सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के चबूतरा गांव में अचानक जमीन धंसने से पांच परिवारों के मकान पूरी तरह जमींदोज हो गए। इस आपदा ने ग्रामीणों को गहरे संकट में डाल दिया है और इलाके में दहशत का माहौल है।

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पांच परिवारों के आशियाने पूरी तरह उजड़े

प्राकृतिक आपदा से पांच परिवारों के आशियाने पूरी तरह उजड़ गए हैं, वहीं करीब 20 मकान भी खतरे की जद में आ गए हैं। ये मकान कभी भी गिर सकते हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया है।

प्रशासन ने बनाया अस्थायी ठिकाना

जिन परिवारों के घर ध्वस्त हो गए हैं, उन्हें प्रशासन ने स्थानीय स्कूल में अस्थायी तौर पर ठहराया है। राहत शिविर में भोजन, पानी और रहने की व्यवस्था की गई है। फिलहाल ये परिवार पूरी तरह प्रशासन की मदद पर निर्भर हैं। जिन पांच परिवारों के घर तबाह हुए हैं, उनमें नरोत्तम दास पुत्र महंत राम, केवल कृष्ण पुत्र महंत राम, किशोरी लाल पुत्र महंत राम, सीतो देवी पत्नी प्रभु राम और बंसी राम पुत्र ख्याली राम शामिल हैं। इन परिवारों ने अपनी सारी जमा-पूंजी गंवा दी है और अब सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

विधायक रणजीत सिंह राणा पहुंचे गांव

सोमवार सुबह सुजानपुर के विधायक कैप्टन रणजीत सिंह राणा भी प्रभावितों के बीच पहुंचे। उन्होंने बेघर हुए परिवारों के साथ नाश्ता किया और भरोसा दिलाया कि सरकार व प्रशासन हर मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ा है। विधायक ने आश्वासन दिया कि प्रभावित परिवारों को हर संभव आर्थिक और सामाजिक मदद मुहैया करवाई जाएगी।

राहत कार्य में जुटा प्रशासन

इस दौरान सुजानपुर के एसडीएम समेत प्रशासन के अन्य उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने हालात का जायजा लिया और प्रभावित परिवारों के लिए राहत सामग्री, भोजन और रहने की सुविधा सुनिश्चित की। साथ ही प्रशासन की टीमें लगातार क्षेत्र का निरीक्षण कर रही हैं और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

ग्रामीणों की पुनर्वास और सहायता की मांग

आपदा से प्रभावित ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से शीघ्र पुनर्वास और आर्थिक सहायता की मांग उठाई है। उनका कहना है कि जब तक स्थायी समाधान नहीं मिलता, तब तक जीवन सामान्य करना मुश्किल है। ग्रामीण चाहते हैं कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर नए मकान और मुआवजा मिले, ताकि वे दोबारा अपने जीवन को पटरी पर ला सकें।

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