Himachal Landslide: हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार शाम बिलासपुर जिले के कोट जंगल में हुए भूस्खलन ने एक बार फिर जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। इस हादसे में कोट गांव निवासी पुरुषोत्तम की मौत हो गई, जो जंगल में बकरियां चराने गया था।
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मौसम का बदलता मिज़ाज
आपको बता दें कि, रविवार रात को प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। सोमवार की सुबह धूप खिली रही, लेकिन दोपहर होते-होते शिमला सहित कुछ इलाकों में बादल छा गए और हल्की बूंदाबांदी हुई। शाम होते-होते शिमला शहर घने कोहरे की चपेट में आ गया।
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को प्रदेश में मौसम साफ रहने की संभावना है। वहीं 24 और 25 सितंबर को कुछ इलाकों में बूंदाबांदी हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पंजाब से मानसून की विदाई शुरू हो चुकी है, जबकि हिमाचल में मानसून को विदा होने में एक-दो दिन और लग सकते हैं। सामान्य परिस्थितियों में प्रदेश से मानसून 25 सितंबर तक लौटता है।
सड़कें और बिजली पर असर
लगातार भूष्खलन और बारिश की वजह से राज्यभर में दो राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 354 सड़कें बंद हो गई हैं। जिससे की लोगों को आने-जानें में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा सिर्फ बिजली ही नहीं, बल्कि जलापूर्ति भी प्रभावित हुई है। 100 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं, जिन्हें बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भारी नुकसान की संभावना
बरसात के इस सीजन में हिमाचल प्रदेश को अब तक भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। प्रदेश सरकार के अनुसार अब तक 4861 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान दर्ज किया गया है। इस बरसात में अब तक 261 लोगों की मौत भूस्खलन, बाढ़ और अन्य कारणों से हो चुकी है। वहीं, 1711 मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं और 7396 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है।
लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त
हिमाचल प्रदेश में लगातार आपदाओं के कारण राहत और पुनर्निर्माण कार्य बड़ी चुनौती बन गए हैं। सरकार और प्रशासन लगातार प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने और सड़क, बिजली व पेयजल जैसी बुनियादी सेवाओं को बहाल करने में जुटे हैं। लेकिन बार-बार हो रहे भूस्खलन और बारिश ने कार्यों की रफ्तार को धीमा कर दिया है। आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और जीवन अस्त-व्यस्त है।
