Himachal News: हिमाचल में बीते रविवार भारी बारिश होने की वजह से बहुत सारा नुकसान हुआ है। दरअसल, रविवार से ही लोगों में अफरातफरी मच गई है। आपातकालीन परिचालन केंद्र की मानें तो अब इसी के चलते अब तक 3 राष्ट्रीय मार्ग के साथ-साथ 468 सड़कों को बंद कर दिया गया है। जिसमें मंडी जिले में 310 सड़के, सिरमौर में 52 और चंबा में 39 के साथ कुल्लू में 33 सड़के शामिल हैं।
आपको बता दें कि, मंडी में 390, सोलन में 259, चंबा में 214, सिरमौर में 169 व कुल्लू में 111 ट्रांसफार्मर ठप होने से बिजली की समस्यां देखी गई है। इसके साथ कांगड़ा जिले की बात करें तो 151 पेयजल योजनाएं भी बंद की गई हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का कहना है कि, इस घटना के चलते 676 पेयजल परियोजनाओं पर इसका असर पड़ा है। राज्य सरकार को आपदा में 1,200 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
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कई रूट में बदलाव…
- आपको बता दें कि, भारी बारिश और भूस्खलन के चलते हिमाचल प्रदेश में परिवहन व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। सोमवार को प्रदेशभर में 782 बस रूटों पर सेवाएं बंद रहीं। कई सड़कों के बंद होने के कारण एचआरटीसी की बसें जगह-जगह फंसी हुई हैं और कई रूटों पर बसें भेजी ही नहीं जा सकीं।
- बारिश के चलते 279 रूटों पर बसें नहीं चलाई गईं, जबकि केवल शिमला डिवीजन में ही 393 रूट प्रभावित हुए हैं।
- इससे हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की दैनिक कमाई पर सीधा असर पड़ा है। जहां सामान्य दिनों में निगम की रोजाना की आय करीब 2.80 से 2.90 करोड़ रुपये होती है, वहीं अब बारिश के कारण यह घटकर लगभग 1.50 करोड़ रुपये प्रतिदिन रह गई है।
- इस आपदा के चलते निगम को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है और यात्रियों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
अब तक 132 लोगों की हुई मौत…
हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून सीजन भारी तबाही लेकर आया है। अब तक विभिन्न हादसों और प्राकृतिक आपदाओं के चलते राज्य में 132 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग अभी भी लापता हैं। सबसे अधिक प्रभावित जिलों में मंडी और कांगड़ा शामिल हैं, जहां दोनों जगह 21-21 लोगों की जान गई है।
भूस्खलन, बाढ़ और भारी वर्षा के कारण अब तक 393 मकान, 276 दुकानें और 1,007 पशुशालाएं पूरी तरह से तबाह हो चुकी हैं। इन आपदाओं से राज्य को अब तक लगभग 1,235 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। मंडी जिला सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है, जहां जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बारिश और बिगड़ती परिस्थितियों ने सरकार और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।

